नई दिल्ली: मोदी सरकार ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को अब नए लेवल पर ले जाने की तैयारी की है. केंद्र सरकार के विभागों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जल्दी ही फेसलेस ट्रांजैक्शन शुरु हो सकता है. केंद्र सरकार आपका काम बेहद आसान करने वाली है. सोचिए अगर सरकारी स्कीम का फायदा उठाने के लिए आपको किसी सरकारी कर्मचारी के पास जाने की जरूरत ना पड़े और आपका काम सीधे अप्लाई कर बन जाए तो कितना अच्छा होगा.
फेसलेस ट्रांजैक्शन में क्या होगा ?
फेसलेस ट्रांजैक्शन के तहत केंद्र सरकार ऐसा ही एक मॉडल तैयार कर रही है. इस योजना के मुताबिक सरकार तीन तरीकों से लोगों तक सरकारी सेवा पहुंचाना चाहती है. कैशलेस ट्रांजैक्शन, पेपरलेस ट्रांजैक्शन और फेसलेस ट्रांजैक्शन. फेसलेस ट्रांजैक्शन में किसी भी सरकारी कर्मचारी का दखल नहीं होगा.
सरकार का मानना है कि ये दखल ही भ्रष्टाचार की एक बड़ी वजह है. कैशलेस ट्रांजैक्शन में ई-केवाईसी, डिजिटल लेन-देन, ई-सिग्नेचर शामिल रहेगा. इसके लिए आधार का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया जाएगा. आप घर बैठे या कहीं से भी सरकारी सेवा का फायदा उठा सकते हैं
भारत में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी !
सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर हो रही देश की बदनामी के बाद अगला कदम उठाने का फैसला किया है. दरअसल, ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एशिया-पैसिफिक के 16 देशों में भारत में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी है. सर्वे के मुताबिक 10 में से सात भारतीयों ने सरकारी सेवा के बदले रिश्वत देने की बात कबूल की. दूसरी तरफ जापान में सबसे कम भ्रष्टाचार है, जहां महज शून्य दशमलव 2 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने रिश्वत दी.
अंदर की बात
अंदर की बात ये है कि मोदी सरकार ने मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस का नारा दिया था और उसी के लिए डिजिटल इंडिया अभियान भी शुरू किया गया. नोटबंदी के बाद डिजिटल इंडिया पर भी काफी सवाल उठाए जा रहे थे, इसलिए अब सरकार विरोधियों को जवाब देने के लिए सक्रिय हो गई है.
कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए भीम एप लांच करके मोदी ने खुद इसकी शुरुआत की थी और अब फेसलेस ट्रांजैक्शन स्कीम के जरिए सरकार एक तीर से दो निशाने साधना चाहती है. वो बताना चाहती है कि फेसलेस ट्रांजैक्शन से ना सिर्फ इंडिया डिजिटल बनेगा, बल्कि करप्शन फ्री इंडिया बनाने का रास्ता भी खुलेगा.