नई दिल्ली : रंग-गुलाल की होली तो आपने खूब देखी होगी. गुलाल से गाल लाल और ऊपर से नीचे तक रंग से सराबोर. आम तौर पर लोग इसी को होली कहते और समझते हैं.
लेकिन, एक होली लाठियों की भी होती है यानी लठ्ठमार होली. यहां लाठी पूरी ताकत से मारी जाती है लेकिन लाठी खाने वालों को चोट नहीं लगती. यहां बस एक ही आवाज गूंजती है आज बिरज में होरी रे रसिया.
हंसी-ठिठोली और टेसू के रंग की होली. यही खासियत है नंदगांव की होली की. यहां की होली इतनी मशहूर है कि देश के कोने-कोने और विदेश तक से लोग यहां खिंचे चले आते हैं. होली के अलग-अलग रंग जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज का खास शो ‘आज बिरज में होरी रे रसिाया…’. वीडियो में देखें पूरा शो.