गांधीनगर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित गुजरात के गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ शक्ति’ कार्यक्रम के दौरान उस वक्त बाधा आ गई जब एक महिला सरपंच ने सुरक्षा घेरा तोड़कर प्रधानमंत्री से मिलने की कोशिश की. यह महिला यूपी के थोरा गांव की सरपंच है और इनका आरोप है कि राज्य सरकार उनकी मदद नहीं कर रही. महिला सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें प्रधानमंत्री के मंच पर जाने से रोक लिया.
‘गांव की समस्याओं से थी परेशान’
कार्यक्रम के बाद शालिनी राजपूत ने कहा कि मैं गौतमबुद्ध नगर के एक गांव में सरपंच हूं. मैं प्रधानमंत्री से अपनी परेशानियां बताना चाहती थी जिस बारे में राज्य सरकार कोई मदद नहीं कर रही है. शालिनी सिंह नामक इस महिला से पूछताछ में बाद पुलिस ने बताया है कि यह महिला अपने गांव की समस्याओं के बारे में प्रधानमांत्री से पेशकश करना चाहती थी और उसी वजह से वह स्टेज के आगे बढ़ रही थी. महिला ने यह भी खुलासा किया है कि उनके गांव में पानी की समस्या है, एक स्कुल है जिसमे 12000 बच्चे पढ़ाई करते है.
पुलिस ने किया मुक्त
पुलिस ने बताया कि इन सारी समस्याओं के बारे में राज्य सरकार से शिकायत करने के बावजूद भी उसका निपटारा नही हुआ. इसके चलते वो प्रधानमांत्री से पेशकश करना चाहती थी. पुलिस ने महिला की प्राथमिक पूछताछ के बाद उसे मुक्त कर दिया है.
PM ने किया महिला सरपंचों को सम्मानित
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में ‘स्वच्छ शक्ति 2017 अवॉर्ड’ कार्यक्रम के तहत महिला सरपंचों को सम्मानित किया. इन महिला सरंपचों को सम्मान स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने के लिए दिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम उन महिला सरपंचों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने स्वच्छ भारत के अभियान में महत्वपूर्ण योगदान किया है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं इन सरपंचों से मिला तो मैंने कुछ करने दिखाने की एक इच्छाशक्ति को देखा. वे एक गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाना चाहती हैं.’
पीएम मोदी के संबोधन में कन्या भ्रूण हत्या का मुद्दा भी शामिल रहा. उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या को स्वीकार नहीं किया जा सकता. जिन गांवों में महिला सरपंच हैं वो कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और आगे का रास्ता दिखा सकती हैं.