मेयर के स्वागत समारोह में जब उद्धव ठाकरे के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे

शिवसेना के विश्वनाथ पांडुरंग महादेश्वर आज मुंबई के नए मेयर चुने गए, लेकिन इस दौरान एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई. मेयर भले ही शिवसेना का चुना गया लेकिन BMC मोदी-मोदी के नारे से गूंज उठा. दरअसल सदन में नए मेयर का स्वागत हो रहा था.

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मेयर के स्वागत समारोह में जब उद्धव ठाकरे के सामने लगे मोदी-मोदी के नारे

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  • March 8, 2017 2:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: शिवसेना के विश्वनाथ पांडुरंग महादेश्वर आज मुंबई के नए मेयर चुने गए, लेकिन इस दौरान एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई. मेयर भले ही शिवसेना का चुना गया लेकिन BMC मोदी-मोदी के नारे से गूंज उठा. दरअसल सदन में नए मेयर का स्वागत हो रहा था. इस मौके पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अपनी पत्नी और बेटे के साथ मौजूद थे और तभी बीजेपी नगर सेवकों ने सदन के अंदर ही हाथ में कमल का फूल लेकर मोदी-मोदी के जमकर नारे लगाए.
 
 
पूरा हॉल मोदी-मोदी के नारे से गूंज उठा. हालांकि, बाद में शिवसेना के नगर सेवकों ने भी बालासाहेब-बालासाहेब के नारा लगाना शुरू कर दिए. 227 सदस्यों वाली बीएमसी में शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़ी.  84 सीटों के साथ शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी तो बीजेपी ने शिवसेना से सिर्फ 2 कम यानी 82 सीटें जीतीं. बीजेपी ने शिवसेना के मेयर और डिप्टी मेयर को समर्थन दिया है.
 
 
इतिहास में पहली बार बीएमसी मेयर पद के चुनाव के लिए वोटिंग की गई. इस वोटिंग में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि चुनाव के वक्त शिवसेना के खिलाफ लड़ने वाली बीजेपी ने आखिरकार शिवसेना को ही वोट किया. बीजेपी के समर्थन के बाद ही शिवसेना के विश्वनाथ महाडेश्वर मेयर और हेमांगी वरलीकर डिप्टी मेयर बनीं. 
 
 
आज हुई वोटिंग में सभी की नजरें इस पर थी कि क्या बीजेपी के नगरसेवक शिवसेना को वोट करेंगे या नहीं. इस पर विराम लगाते हुए शिवसेना के उम्मीदवार को बीजेपी के 82 नगरसेवकों समेत पार्टी के साथ आए 2 अपक्ष नगरसेवकों ने वोट किया. 
 
 
इस चुनाव के लिए खास तौर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने पूरे परिवार के साथ मुंबई महानगरपालिका में मौजूद रहे. इतना ही नहीं शिवसेना के कई बड़े दिग्गज नेता भी मौजूद रहे, अनिल देसाई, मंत्री दिवाकर रावते, अरविंद सावंत, नीलाम गोरे जैसे दर्जन भर बड़े नेता वोटिंग के दौरान मौजूद थे. 
 
 
आज के चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने हिस्सा नहीं लिया. इतना ही नहीं एमएनएस का एक भी नगरसेवक भी वोटिंग के लिए नहीं आया. बीएमसी में एमएनएस ने इस चुनावी प्रक्रिया से अपने आप को पूरी तरह से बाहर रखा.
 
 
बता दें कि चुनावों में शिवसेना और बीजेपी में से किसी को भी बहुमत नहीं मिला था. शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं लेकिन किसी को बहुमत नहीं मिला था. इसलिए बीएमसी के मेयर के चुने जाने का मामला फंस गया था. बीएमसी की 227 सीटों के लिए जादुई आंकड़ा 114 सीटों का था. 

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