7th pay commission Latest News: काफी लंबे समय से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा न्यूनतम वेतनमान की राह देख रहे देश के सवा करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की मांगें जल्द ही पूरी होने वाली है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इन कर्मचारियों को 18000 से 26000 के बीच न्यूनतम वेतन मिलने की उम्मीद है. काफी इसका औपरचारिक ऐलान होना बाकी है.
नई दिल्ली. 7th pay commission Latest News: दशहरा और दिवाली के खत्म होने के साथ ही त्योहारी सीजन का समापन हो चुका है. इसके साथ ही देश के 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों की इस त्योहारी सीजन में न्यूनतम वेतनमान बढ़ने की उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि केंद्र की मोदी सरकार दिवाली से पहले उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतनमान का तोहफा दे सकती है, जिसकी वो पिछले कई महीनों से मांग कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब इन कर्मचारियों की निगाहें 11 दिसंबर 2018 और 26 जनवरी 2019 पर जाकर टिक गई हैं.
11 दिसंबर को 5 राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) के विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने वाला है. जिसके बाद आचार संहिता खत्म हो जाएगी. माना जा रहा है कि मोदी सरकार कर्मचारियों की मांगों पर एक्शन लेते हुए 11 दिसंबर के बाद न्यूनतम वेतनमान को बढ़ाने का ऐलान कर सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 26 जनवरी 2019 को इसका ऐलान करना सरकार के लिए मजबूर है. बता दें कि 2019 में देश में आम चुनाव और कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण मोदी सरकार किसी प्रकार का रिस्क लेने के मूढ़ में नहीं है. क्योंकि देश के लोगों में पहले से केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्से का माहौल है. अगर केंद्रीय कर्मचारी भी नाराज हो गए तो बीजेपी की दिल्ली की सत्ता पर दोबारा से काबिज होने की राह कठिन हो सकती है. इसलिए माना जा रहा है कि केंद्र सरकार 26 जनवरी को इन कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए इसकी औपचारिक घोषणा कर दें.
अगर बात करें न्यूनतम वेतन में वृद्धि प्रतिशत की तो कर्मचारियों की मांग है कि 7वें वेतन आयोग के अनुसार निर्धारित फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 किया जाए. अगर सरकार इस मांग को मान लेती है तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 से बढ़कर 26000 हो जाएगी. वहीं वित्त मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार मौजूदा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और कर्मचारियों की मांगों के बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार न्यूनतम वेतनमान को 18000 से 26000 के बीच कर सकती है.
बता दें कि 7वें वेतन आयोग को मोदी सरकार ने 01 जनवरी 2016 से लागू किया था. आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से ही कर्मचारी केंद्र सरकार पर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में अधिकारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर 17 और कर्मचारियों के लिए 2.57 तय किया गया था. इस फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों की बेसिक पे 18000 और अधिकारियों के लिए 2,25,000 तय की गई थी.
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