एथेंस. आर्थिक संकट से निकलने की जद्दोजहद में लगे ग्रीस पर दुनियाभर की निगाहें टिक गई है. रविवार को होने वाले जनमत संग्रह के नतीजे यूरो जोन में इस देश का भविष्य तय करेंगे. प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने 'नो' में वोट करने की अपील करते हुए बेलआउट के ब्लैकमेल को नकारने की अपील जनता से की है.
एथेंस. आर्थिक संकट से निकलने की जद्दोजहद में लगे ग्रीस पर दुनियाभर की निगाहें टिक गई है. रविवार को होने वाले जनमत संग्रह के नतीजे यूरो जोन में इस देश का भविष्य तय करेंगे. प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने ‘नो’ में वोट करने की अपील करते हुए बेलआउट के ब्लैकमेल को नकारने की अपील जनता से की है.
अगर ग्रीस में बहुमत ‘यस’ पर वोटिंग करता है तो यूरोपीय यूनियन ग्रीस को बेलआउट पैकेज दे सकता है, जिसके बाद देश पर गहराया संकट फिलहाल टल जाएगा. अगर जनमत में ‘नो’ यानी ‘नहीं को बहुमत मिलता तो ग्रीस को यूरो जोन से बाहर होना पड़ेगा. इससे यूरोप को भी करीब एक हजार अरब यूरो का नुकसान उठाना होगा.
रविवार को करीब एक करोड़ लोग वोट डालेंगे। 19,159 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इस कवायद करीब 1.6 अरब रुपए खर्च आएगा जो जनवरी में हुए आम चुनाव का आधा है.