चित्तौड़गढ़ : संजय लीला भंसाली पर हमला करने वालों ने अब चित्तौड़गढ किले में तोड़फोड़ की है. हमला करने वालों ने किले में लगे तीन मशहूर कांचों को तोड़ डाला है. कुछ दिन पहले आगामी फिल्म “पद्मावती” को लेकर उनसे मारपीट की गई थी.
करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ के पद्मिनी महल में रविवार को अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के प्रेम प्रसंग की कहानी का कथित हिस्सा बताए जाने वाले कांच के आईनों को तोड़ डाला. करणी सेना ने रानी का चेहरा राजा को इस आईने के जरिए दिखाए जाने की बात को झूठा बताया है. उसका कहना है कि तब आईने होते ही नहीं थे.
गाइड वहां जाने वाले पर्यटकों को इन कांचों के बारे में बताते थे. कहा जाता है कि इन्हीं कांचों के जरिए 13 वीं सदी में अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मिनी की झलक दिखलाई गई थी. करणी सेना ने तोड़फोड़ की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उसने 15 दिन पहले ही चेतावनी दे दिया था कि इन कांचों को नहीं हटाया गया तो तोड़ दिया जाएगा.
बता दें कि निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी फिल्म पद्मावती को लेकर विवादों में हैं. पिछले दिनों राजस्थान में फिल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना ने फिल्म के सैट पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया था. यहां तक की संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी मार दिया गया था. उनका आरोप था कि फिल्म पद्मावती में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
मामले ने काफी तूल पकड़ा था और अब एक बार फिर ये मामला सुर्खियो में है. भंसाली को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. हिंदू सेना ने धमकी दी थी कि अगर फिल्म के जरिए राजपूतों के इतिहास को बदलने की कोशिश की जाती है तो वे भंसाली को जान से मार देंगे