दिल्ली. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, और बीजेपी- विश्व हिंदू परिषद के कई नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चल सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि इन लोगों के ऊपर से जब हाईकोर्ट ने आपराधिक साजिश रचने की धारा हटाई थी तो पूरक आरोपपत्र दाखिल क्यों नहीं किया.
कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ तकनीकी आधार पर किसी को राहत नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि मामले की सुनवाई दो अलग-अलग अदालतों में चलाने के बजाए एक ही जगह क्यों न की जाए.
कोर्ट ने कहा कि रायबरेली में चल रही सुनवाई को लखनऊ ट्रांसफर क्यों न कर दिया जाए क्योंकि इससे जुड़ा का एक मामला पहले ही वहां पर चल रहा है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की है.
माना जा रहा है कि
आपको बता दें कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और बीजेपी- विहिप के कई नेताओं पर से दर्ज आपराधिक साजिश रचने के मामला हटा लिया गया था.
इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है. जिसकी सुनवाई चल रही है. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने की मांग की गई है.
हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दिया था.
पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसकी नीति निर्धारण प्रक्रिया किसी से भी प्रभावित नहीं होती और वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाने की कार्रवाई उसके कहने पर नहीं हुई है.
सीबीआई ने विश्वास दिलाते हुए हलफनामे कहा था कि सभी फैसले मौजूदा कानून के आलोक में सही तथ्यों के आधार पर किए जाते हैं.
किसी शख्स, निकाय या संस्था से सीबीआई की नीति निर्धारण प्रक्रिया के प्रभावित होने या अदालतों में मामला लड़ने के उसके तरीके के प्रभावित होने का कोई सवाल नहीं है.