Video : ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान की एक हकीकत, लोगों को राशन के लिए चढ़ना पड़ता है पेड़ों पर !

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी इलाको में लोगों को सरकारी राशन के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ता है. जानकर आप भी हैरान रह हो गए होंगे. लेकिन हकीकत यही है. दरअसल सरकार ने नियम बनाया है कि सरकारी राशन के लिए रजिस्टर में अंगूठा लगाने की बजाए प्वाइंट ऑफ सेल मशीन यानी पीओएम का इस्तेमाल […]

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Video : ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान की एक हकीकत, लोगों को राशन के लिए चढ़ना पड़ता है पेड़ों पर !

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  • March 3, 2017 5:54 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी इलाको में लोगों को सरकारी राशन के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ता है. जानकर आप भी हैरान रह हो गए होंगे. लेकिन हकीकत यही है.
दरअसल सरकार ने नियम बनाया है कि सरकारी राशन के लिए रजिस्टर में अंगूठा लगाने की बजाए प्वाइंट ऑफ सेल मशीन यानी पीओएम का इस्तेमाल किया जाएगा.
लेकिन नेटवर्क की इतनी समस्या है कि इस काम में लगे लोगों को पेड़ में बैठना पड़ता है और जिनको राशन लेना उनके लिए सीढ़ी लगाई है.
 
इतना ही नही पीओएस मशीन को दुकान से कई किलोमीटर दूर लेकर किसी पेड़ में बैठना पड़ता है क्योंकि आसपास नेटवर्क आ नहीं रहा है.
 
आप वीडियो में जो नजारा देख रहे हैं वह उदयपुर के आदिवासी इलाके कोटड़ा का है. इस इलाके में कुल 76 राशन सेंटर है. जिनमें से 13 सेंटर ऐसे जहां बिलकुल भी नेटवर्क नहीं आता है.
 
यहां मशीन से ही राशन पाने का यह आदेश किसी तुगलकी फरमान से कम नहीं लग रहा. इलाके में विकट स्थिति बनी हुई है.
 
किसी सेंटर पर नेटवर्क को ढूंढने के लिए पेड पर तो किसी को सेंटर से कई किलोमीटर दूर उंची पहाड़ियों की चढ़ना पड़ता है.
 
कई बार तो 10-10 दिन तक नेटवर्क नहीं आता है. मशीन में नेटवर्क के आने का इन्तजार करना पडता है तब कहीं जाकर इन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली चीनी, गेहूं या केरोसिन मिल पाता है.
 
गौरतलब है कि देश में इस समय डिजिटिल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार जी-जान से कोशिश कर रही है.
 
जिन इलाकों में आज तक बिजली और सड़क नहीं पंहुची वहां पर पीओएस (पोइन्ट आफ सेल्स) मशीन से राशन दिया जाने की योजना शुरू की गई है. लेकिन लगता है कि जमीनी हकीकत से सरकारी अफसर कोसों दूर हैं.
 

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