करमसद: गुजरात में सरदार पटेल के नाम पर राजनीति अपने चरम पर है. एक तरफ राजनीतिक पार्टियां सरदार और गांधी के नामपर जमकर राजनीती खेल रही है तो वहीं दूसरी तरफ, हार्दिक पटेल भी सरदार पटेल के नाम पर अपनी खिचड़ी पका रहे हैं. लेकिन अब हार्दिक को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है.
हार्दिक पटेल को सरदार साहब की जन्म स्थली करमसद के लोगों से विरोध का सामना करना पड़ा. पाटीदार आरक्षण आंदोलन के 17 महीने के इस अंतराल में पहली बार हार्दिक को सरदार साहब की जन्म स्थली याद आई. करमसद पहुंचने पर स्थानीय लोगों उनको काले झंडे दिखाकर हार्दिक गो बैक के नारे लगाए. इसके अलावा खुद सरदार साहब के परिवारजन भी सडकों पर उतरे और हार्दिक और उसकी राजनीति का विरोध करते नजर आए.
विचारों को फैलाना मकसद
इस दौरान हार्दिक ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की ये कर्म भूमि है और यहां से देश के लिए जो भी कार्य हो सकते हैं. उस कार्य के लिए हम यहां से शक्ति फल लेने आए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों को पूरी दुनिया के सामने ले जाने का है.
बता दें कि हार्दिक पटेल राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जाकर पाटीदार आरक्षण आंदोलन को फिर से खड़ा करने की जुगत में है. हालांकि, मध्य गुजरात कानडियाद-आनंद एक ऐसा क्षेत्र है जो पाटीदार बहुल होने के बावजूद भी इस आंदोलन से दूर रह है.