‘अब कॉलेजों में केवल ‘अनमैरिड’ को एडमिशन क्योंकि पति के आने से भटकता है लड़कियों का ध्यान’

अब केवल कुंवारी लड़कियां ही कॉलेजों में शिक्षा पाने योग्य हैं और यही लड़कियां कॉलेजों में एडमिशन ले सकती हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि, यह अजीबोगरीब फरमान तेलंगाना सरकार ने जारी किया है.

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‘अब कॉलेजों में केवल ‘अनमैरिड’ को एडमिशन क्योंकि पति के आने से भटकता है लड़कियों का ध्यान’

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  • March 2, 2017 7:44 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
हैदराबाद: अब केवल कुंवारी लड़कियां ही कॉलेजों में शिक्षा पाने योग्य हैं और यही लड़कियां कॉलेजों में एडमिशन ले सकती हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि, यह अजीबोगरीब फरमान तेलंगाना सरकार ने जारी किया है. 
 
 
दरअसल, तेलंगाना सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें तेलंगाना सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के सोशल वेलफेयर रेजिडेंशल वीमन्स डिग्री कॉलेज केवल अविवाहित महिलाओं को पढ़ने की इजाजत होगी. इसमें कहा गया है कि बीए, बीकॉम और बीएससी में प्रथम वर्ष के लिए (अविवाहित) लड़कियों के लिए आवेदन आमंत्रित किया जाता है.
 
वहीं इस नियम के पीछे सरकार ने एक अजीबोगरीब दलील भी दी है. सरकार का कहना है कि शादीशुदा महिला कॉलेजों में भटकाव पैदा करती हैं और वो स्टूडेंट्स में किसी भी तरह का भटकाव वे नहीं चाहते हैं.
 
 
तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स सोसायटी के कंटेंट मैनेजर बी वेंकट राजू का कहना है कि इस नियम के पीछे का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि अन्य लड़कियों का ध्यान पढ़ाई से न भटके, क्योंकि शादीशुदा युवतियों के पतियों की सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार उनसे मिलने कॉलेज आने की पूरी संभावना है और स्टूडेंट्स में किसी भी तरह का भटकाव वे नहीं चाहते हैं
 
वहीं एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार  सोसायटी के सचिव डॉ आर एस प्रवीण कुमार का कहना है कि कॉलेजों की स्थापना का उद्देश्य बाल विवाह के दुष्चक्र को तोड़ना है. उन्होंने आगे कहा कि वे लोग शादीशुदा युवतियों को हतोत्साहित नहीं करते हैं लेकिन कोई एडमिशन के लिए आवेदन करता है तो वे नहीं रोकेंगे.

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