AR Rehman wants to do Suicide: अॉस्कर जीतने वाले भारतीय संगीतकार एआर रहमान ने बताया कि एक वक्त उनकी जिंदगी में एेसा भी था, जब वह खुदकुशी करना चाहते थे. रहमान ने बताया, 25 साल की उम्र में एेसा लगने लगा था, जैसे मैं नाकाम हूं. रहमान को स्लमडॉग मिलिनियर के लिए अॉस्कर अवॉर्ड मिला था.
चेन्नई. अॉस्कर जीतने वाले भारतीय संगीतकार एआर रहमान ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. आज कामयाबी के शिखर परखड़े रहमान किसी जमाने में हर दिन खुद को नाकाम मानकर खुदकुशी करने की सोचते थे. भारत के महान संगीतकारों में से एक रहमान ने कहा कि उनकी जिंदगी के मुश्किल दौर ने उन्हें मजबूत बनाया.
उन्होंने कहा, ”25 साल की उम्र तक मैं खुदकुशी के बारे में सोचता था. हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि वे बहुत अच्छे नहीं हैं. क्योंकि मैंने अपने पिता को खो दिया. उस दौरान कई चीजें हो रही थीं. लेकिन उस दौरान काफी चीजें हो रही थीं, जिसने मुझे बेखौफ बनाया. हर किसी की मौत निश्चित है. हर चीज की एक्सपाइरी डेट है, इसलिए किसी चीज से क्या डरना? 51 साल के रहमान के लिए चीजें उस वक्त बदलीं, जब उन्होंने चेन्नई में अपने बैकयार्ड में एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो पंचाथन बनाया.
रहमान ने कहा, ”अपने पिता की मौत के कारण और जिस तरह से वे काम कर रहे थे, मैं कई फिल्में नहीं कर पाया. मुझे 35 फिल्में मिली थीं, लेकिन मैं सिर्फ 2 ही कर पाया.हर कोई पूछता था, तुम कैसे टिक पाओगे. तुम्हारे पास सब कुछ है, उसे हासिल करो. मैं 25 साल का था. मैं एेसा नहीं कर सकता था. अगर आप कम खाना भी खाते हैं, वह पूरा पड़ जाता है.” रहमान ने अपनी बायोग्राफी नोट्स अॉफ ड्रीम्स में ये बातें कहीं. इसमें उन्होंने अपने जीवन की और भी बातों का जिक्र किया है. यह बायोग्राफी कृष्णा त्रिलोक ने लिखी है.
रहमान ने यह भी बताया कि उन्हें अपना असली नाम दिलीप कुमार क्यों पसंद नहीं था. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता मुझे इस नाम से नफरत क्यों थी. मुझे लगता था कि यह मेरी पर्सनैलिटी से मैच नहीं करता. गौरतलब है कि रहमान ने अपने परिवार से साथ सूफी इस्लाम अपनाया था.