नई दिल्ली : दुनिया में खुशी-खुशी शायद ही कोई मरना चाहता हो, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी हैरतअंगेज दुनिया के बारे में बताएंगे, जहां मरने के लिए भी बाकायदा होड़ लगती है. एक-दूसरे से पहले मरने के लिए लोग बाजी लगाते हैं और फैसला होता है एक बंद मुट्ठी से और हर बार जीतने वाला खुशी से झूम उठता है.
फिदायीन हमले के लिए आतंकियों में होड़ लगी हुई है, लेकिन कौन आखिरी सफर पर जायेगा इसका फैसला बंद मुट्ठी से होता है. जिसके हिस्से में भरी मुट्ठी आती है, उसे फिदायीन हमले पर निकलना पड़ता है.
खुशी-खुशी खुद को बम से उड़ाने वाले आतंकी नादान नहीं हैं, वो अपनी मर्जी से मौत के सफर पर निकले हैं, लेकिन ऐसा किया क्यों. आखिर दुनिया में बेरहमी के लिए बदनाम बगदादी के आतंकियों में एक दूसरे से पहले मरने की होड़ लगी क्यों है. तो इसका जवाब है बगदादी की जन्नत और वो 72 हूरें जिनका ख्वाब इन आतंकियों को बगदादी ने दिखाया है, जिन्हें पाने के लिए हर आतंकी पहले मरने पर अमादा है.
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