गुरमेहर कौर के जवाब में अब शहीद का भाई बोला, मैं एबीवीपी का समर्थन करता हूं

दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्रों के बीच हो रहा झगड़ा बढ़ता ही जा रहा है. एबीवीपी के विरोध में डीयू की छात्रा और शहीद कैप्टन मंदीप सिंह गुरमेहर कौर सोशल मीडिया पर एक कैंपने चलाया था कि वह एबीवीपी से नहीं डरतीं.

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गुरमेहर कौर के जवाब में अब शहीद का भाई बोला, मैं एबीवीपी का समर्थन करता हूं

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  • February 27, 2017 1:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्रों के बीच हो रहा झगड़ा बढ़ता ही जा रहा है. एबीवीपी के विरोध में डीयू की छात्रा और शहीद कैप्टन मंदीप सिंह गुरमेहर कौर सोशल मीडिया पर एक कैंपने चलाया था कि वह एबीवीपी से नहीं डरतीं. अब इस मसले पर एक अन्य शहीद के भाई ने भी अपने विचार अभिव्य​क्त किए हैं. 
 
दरअसल, गुरमेहर कौर के पिता कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे. मीडिया में गुरमेहर कौर को शहीद की बेटी के नाम से ही संबोधित किया जा रहा है. साथ ही ये मुद्दा अभिव्यक्ति की आजादी और कश्मीर की आजादी से भी जुड़ गया है. शहीद धीरज सिंह के भाई अस्तित्व सिंह ने अपने लेख में एबीवीपी का समर्थन किया है और मीडिया पर सवाल उठाए हैं. 
 
शहादत को बीच में लाया मीडिया
अस्तित्व सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नहीं है. वह डॉक्टर है. उन्होंने लिखा है कि वह देश के लिए शहीद होने वाले के संबंधी के तौर पर यह लिख रहे हैं. और वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आचनक मुख्यधारा का मीडिया एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के झगड़े में शहीदों के संबंधियों की राय दिखा रहा है. 
 
 
अस्तित्व लिखते हैं, ‘इस मसले पर मुझे कुछ कहना है, जो वो सुनना नहीं चाहते. मैं यह जरूर कहूंगा कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी है. वही अभिव्यक्ति जिसके लिए मीडिया लड़ रहा है, वही अभिव्यक्ति जिसे सुरक्षा बलों ने ​जिहादियो और नक्सिलियों के हाथों खत्म होने से बचाया है.’
 
भारत की बर्बादी चाहने वालों का समर्थन क्यों
शहीद धीरज सिंह के बारे में बताते हुए अस्तित्व ने लिखा है ​कि​ जिस आॅपरेशन में वह शहीद हुए उस आॅपरेशन के अगले दिन यानी 7 मई से उन्हें छुट्टी पर जाना था. धीरज के वरिष्ठ अधिकारी ने आॅपरेशन में जाने से भी मना किया था लेकिन फिर भी धीरज आॅपरेशन में शामिल हुए. उनका कहना था कि खाली बैठकर क्या करूंगा. 
 
 
अस्तित्व ने कहा, ‘मैं ये सब इसलिए नहीं बता रहा हूं ताकि मुझे शहीद का संबंधी होने के नाते कोई फायदा मिले. मेरा भाई देश के लिए लड़ा और जान दी. मैं उसकी शहादत का श्रेय लेने की कोशिश नहीं कर रहा हूं. मैं एक बात पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि मेरे भईया ‘भारत की बर्बादी तक, जंग रहेगी, जंग रहेगी’ कहने वालों को कभी समर्थन नहीं करते. उन्होंने उसी जंग के खिलाफ लड़ते हुए ही अपनी जान दे दी. उन्हें उन्हीं लोगों ने मारा जो कहते हैं ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’.’
 
गुरमेहर से नहीं कोई झगड़ा
उन्होंने लिखा है कि वह ऐसे नारे बोलने वालों का विरोध करने वालों पर मीडिया के सवालों का भी विरोध करते हैं. साथ ही माफी मांगते हुए लिखा है, ‘मैं ऐसे नारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं मानता. मैं किसी बौद्धिक वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहता. हमारे संविधान ने अभिव्यक्ति पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं और देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कहने की इजाजत नहीं देता है.’
 
गुरमेहर कौर को लेकर भी अस्तित्व सिंह ने कहा, ‘मेरा उस लड़की से कोई झगड़ा नहीं है. वह किसका पक्ष लेना चाहती हैं वह चुन सकती हैं. लेकिन, मेरी समस्या मीडिया से है, जो पक्षपातपूर्ण तरीके से ऐसी गलत धारणाएं बनाता है.’

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