संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र-महासचिव बान की-मून ने एमनेस्टी इंटरनेशनल की उस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, जिसमें भारत पर आरोप लगाया गया है कि वह जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से कथित तौर पर किए जाने वाले अत्याचार को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा. संयुक्त राष्ट्र […]
संयुक्त राष्ट्र. संयुक्त राष्ट्र-महासचिव बान की-मून ने एमनेस्टी इंटरनेशनल की उस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, जिसमें भारत पर आरोप लगाया गया है कि वह जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से कथित तौर पर किए जाने वाले अत्याचार को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा.
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नियमित प्रेस वार्ता के दौरान गुरुवार को इस सवाल पर बान के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. एमनेस्टी की बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट राज्य में सशस्त्र बलों के कथित अत्याचार से जुड़े 58 मामलों के अध्ययन पर आधारित है, जिसमें सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (अफसपा) को हटाने की आवश्यकता बताई गई है. एमनेस्टी ने जम्मू एवं कश्मीर से गुमशुदगी और मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के मामले में पीड़ितों तक निर्बाध पहुंचने देने की अपील भी है.
IANS