नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी उरी हमले के मददगारों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई है. जांच एजेंसी अब क्लोजर रिपोर्ट फाईल करने जा रही है. एनआईए ने उड़ी हमले के बाद पीओके से दो युवकों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उरी आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
गिरफ्तार किए गए युवकों पर उरी हमला करने वाले आतंकियों को गाइड करने का आरोप था. एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक जांच एजेंसी ने युवाओं के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाने के कारण जांच की रिपोर्ट बंद करने का फैसला किया है.
दो पाकिस्तानी युवकों फैजल हुसैन अवान और अहसान खुर्शीद को वापस पाकिस्तान भेजा जा सकता है. दोनों के खिलाफ भारतीय सेना को दिए गए बयान के अलावा कोई और पुख्ता सबूत नहीं मिले. बता दें कि पिछले महीने गलती से सीमा पार चले गए भारतीय जवान चंदू चव्हाण को पाकिस्तान के छोड़े जाने के बाद वापसी हुई है.