Ahoi Ashtami 2018: अहोई अष्टमी व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Ahoi Ashtami 2018 : करवा चौथ के ठीक 4 दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है. अहोई माता की पूजा महिलाएं पूजा की बच्चों की सलामती व संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है. जानिए क्या है अहोई अष्टमी व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व.

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Ahoi Ashtami 2018: अहोई अष्टमी व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Aanchal Pandey

  • October 29, 2018 5:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के 8वें दिन अहोई अष्टमी अष्टमी का व्रत किया जाता है. इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति व बच्चों की सलामती के लिए रखते हैं. अहोई का पर्व करवा चौथ के ठीक चार दिन बाद मनाया जाता है. साथ ही दिवाली से 8 दिन पहले अहोई माता का व्रत पड़ता है. बता दें करवा चौथ और अहोई के व्रत में यही सबसे बड़ा अंतर होता है कि करवा चौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देकर खोला जाता है तो अहोई का व्रत तारे देखकर.

Ahoi Ashtami 2018: अहोई अष्टमी पूजा विधि व महत्व
अहोई अष्टमी के व्रत के दिन माताओं को सूर्योदय से पूर्व उठकर नहाना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. करवा चौथ की तरह अहोई व्रत पर भी करवा लिया जाता है जिसका मुंह नहीं होता वह पूरा बंद मटके के आकार का होता है. इसे लेकर अहोई माता की पूजा करें और कथा सुनें. इस दिन महिलाएं कुछ नहीं खाती. शाम को तारों को अर्घ्य देकर व अहोई माता को भोग लगा कर व्रत खोलती हैं और साधारण भोजन करती हैं.

Ahoi Ashtami 2018: अहोई अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त:
अहोई अष्टमी तिथि – 31 अक्टूबर
अष्टमी तिथि शुरू: 31 अक्‍टूबर 2018 को सुबह 11 बजकर 09 मिनट से.
अष्टमी तिथि समाप्त: 01 नवंबर 2018 को सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक.
अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त: 31 अक्‍टूबर 2018 को शाम 05 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक.
कुल अवधि: 1 घंटे 16 मिनट.
तारों को देखने का समय: 31 अक्‍टूबर को शाम 06 बजकर 12 मिनट.
चंद्रोदय का समय: 1 नवंबर 2018 को रात 12 बजकर 06 मिनट.

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