नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों में हाथापाई हो गई है. दोनों पक्ष के विधायक उस वक्त भिड़ गए जब किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर बहस चल रही थी. कांग्रेस और बीजेपी विधायकों के बीच मची मारामारी में बीजेपी सरकार की एक महिला मंत्री समेत कम से कम चार विधायक घायल हो गए.
कांग्रेस विधायक भड़क गए
हंगामा तब शुरु हुआ जब अमरेली से कांग्रेस विधायक परेश धनानी ने अपने क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या से जुड़ा सवाल पूछा. कृषि मंत्री चिमनभाई सापरिया सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने 1995 में कांग्रेस शासन का ज़िक्र किया जिससे कांग्रेस विधायक भड़क गए. इसके बाद दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई जो हाथापाई में बदल गई.
परेश धनानी-बलदेव ठाकोर को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड
कांग्रेस ने बीजेपी पर गाली-गलौज का आरोप लगाया जबकि बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस मीडिया में बने रहने के लिए बवाल कर रही है. विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के लिए कांग्रेस विधायक परेश धनानी और बलदेव ठाकोर को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.
बजट का आखिरी सत्र
इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले ये बजट का आखिरी सत्र है. 20 फरवरी को इस सत्र की शुरुआत हुई और पहले ही दिन से हंगामे की स्थिति है. कांग्रेस ने पहले दिन कच्छ सेक्स स्कैंडल और गैंगरेप का मुद्दा उठाया.
चार स्थानीय नेता गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में बीजेपी के चार स्थानीय नेताओं को गिरफ्तार किया है. कांग्रेस की मांग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने न्यायिक जांच का भरोसा दिया है. करीब 22 साल से सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए आक्रामक तेवर दिखा रही है. बता दें कि राज्य में 1995 के बाद से ही बीजेपी की सरकार है. 2012 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 182 में से 115 सीटें जीती थी. कांग्रेस को 61 और एनसीपी को 2 सीटें मिली थीं.
इस साल होने हैं चुनाव
अंदर की बात ये है कि गुजरात विधानसभा में बवाल करने की तैयारी कांग्रेस ने पहले ही कर ली थी. माहौल बनाने के लिए कच्छ सेक्स स्कैंडल का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया, लेकिन इसी बीच बिहार के सेक्स स्कैंडल में कांग्रेस नेता का नाम आ गया तो कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी.
बदली हुई रणनीति के तहत ही कांग्रेस ने विधानसभा में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उछाला, क्योंकि गुजरात में ज्यादातर खेतिहर किसान पटेल समाज के हैं इसलिए कांग्रेस किसानों के बहाने ये भी दिखाना चाहती है कि पटेल यानी पाटीदार समाज के बारे में उसे बहुत फिक्र है.