Arcelor Mittal wins Essar Steel Auction: कर्ज में डूबी एस्सार स्टील की अधिग्रहण बोली आर्सेलर मित्तल ने जीत ली है. कंपनी की 42000 करोड़ के प्रस्ताव को क्रेडिटर्स ने मंजूर कर लिया है. कर्जदाताओं ने रुइया परिवार के 54,389 करोड़ के सेटलमेंट अॉफर को ठुकरा दिया है.
मुंबई. लंदन में बसे भारतीय मूल के कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल की कंपनी आर्सेलर मित्तल के लिए शुक्रवार को बड़ी खुशखबरी आई. आर्सेलर मित्तल ने कर्ज में डूबी एस्सार स्टील की अधिग्रहण बोली में जीत हासिल की है. कंपनी ने कहा कि एस्सार स्टील क्रेडिटर्स ने उसकी 42000 करोड़ की नीलामी के पक्ष में वोट किया और अपनी संपत्ति कंपनी को बेचने की हामी भर दी है. कर्जदारों ने रुइया परिवार के अंतिम समय पर दिए गए 54,389 करोड़ के सेटलमेंट अॉफर को ठुकरा दिया, जिसके बाद उसने कोर्ट का रुख करने का फैसला किया.
हालांकि क्रेडिटर्स ने आर्सेलर मित्तल का प्रस्ताव मान लिया है, लेकिन एस्सार स्टील के इस लेनदेन को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी लेनी होगी. इसके बाद दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी आर्सेलर मित्तल भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी की मालिक बन जाएगी, जिसकी सालाना क्षमता 10 मिलियन टन की है. 6.9 बिलियन डॉलर वाली आर्सेलर मित्तल को इस साल के अंत तक एनसीएलटी से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. भारत के दिवालिया कानून के तहत एस्सार स्टील की बिक्री पर सबसे ज्यादा नजर थी.
रुइया अगले हफ्ते इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. पूर्व प्रोमोटर अपने 54,389 करोड़ के सेटलमेंट अॉफर पर क्रेडिटर्स के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि दिवालिया कार्यवाही के अंतिम चरणों में रुइया ने अॉफर क्यों किया. परिवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि उनके पास एेसा करने के लिए कम ही वक्त था क्योंकि पिछले तीन हफ्तों से सुप्रीम कोर्ट में यह केस लंबित पड़ा था.