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नेताओं के भाषण से नदारद सड़क, बिजली और रोजगार के मुद्दे

चुनाव हैं, नेता हैं, रोड शो है और उनमें भीड़ है लेकिन उस भीड़ के मुद्दे नदारद हैं. नेता श्मशान-कब्रिस्तान से लेकर गुजरात के गधों तक का जिक्र कर रहे हैं लेकिन किसी की ज़ुबान पर सड़क, बिजली और रोजगार का मुद्दा नहीं है. फिर भी भीड़ नेताओं के साथ खड़ी है.

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  • February 21, 2017 3:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : चुनाव हैं, नेता हैं, रोड शो है और उनमें भीड़ है लेकिन उस भीड़ के मुद्दे नदारद हैं. नेता श्मशान-कब्रिस्तान से लेकर गुजरात के गधों तक का जिक्र कर रहे हैं लेकिन किसी की ज़ुबान पर सड़क, बिजली और रोजगार का मुद्दा नहीं है. फिर भी भीड़ नेताओं के साथ खड़ी है. 
 
आज अमित शाह से लेकर राहुल गांधी तक ने रोड शो किया तो सड़क पर पांव रखने तक की जगह नहीं थी. लेकिन, सवाल ये कि नेता के साथ खड़ी जनता के मुद्दों के लिए चुनावों में जगह क्यों नहीं है? 
 
रैलियों में वोट देने के लिए नेता एक-दूसरे की छिछालेदर कर रहे हैं. एक-दूसरे पर किचड़ उछालने में कोई कसर नहीं बाकी है. लेकिन, इन भाषणों से यूपी के मुद्दे क्यों गायब हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज का खास शो ‘जवाब तो देना होगा!’. वीडियो में देखें पूरा शो.

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