नई दिल्ली : केन्द्रीय कर्मचारियों को काफी समय से सातवें वेतन आयोग में केंद्र सरकार की गई भत्तों पर सिफारिशों पर फैसले का इंतजार है. हालांकि केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी. लेकिन भत्तों पर असहमति के कारण केंद्र ने सिफारिशों को रिव्यू करने को वित्त सचिव अशोक लवासा की कमेटी गठित कर दी थी.
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अब माना जा रहा है कि कमेटी आज अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप सकती है. साथ ही सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कमेटी एचआरए और महंगाई भत्ते में 30 फीसदी के और इजाफे का प्रस्ताव रख सकती है.
सातवें वेतन आयोग में केन्द्रीय कर्मियों को छठवें वेतन आयोग के बाद से मिल रहे 196 भत्तों में से 52 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की गई थी. साथ ही 36 भत्तों को आपस में मर्ज करने के लिए कहा था. वेतन आयोग ने 12 भत्तों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था.
बता दें कि मोदी सरकार ने कर्मचारियों के भत्ते पर रिव्यू कमेटी का गठन जुलाई 2016 में किया था. शुरुआत में कमेटी को अपनी सिफारिश करने के लिए 4 महीने का समय दिया था जिसे बाद में बढ़ाकर 22 फरवरी 2017 कर दिया गया था. सातवे वेतन आयोग नोटिफिकेशन के आधार पर केन्द्रीय कर्मचारी की न्यूमतम सैलरी 7,000 रुपये प्रति माह से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी.