इसरो की सफलता से चीन में बेचैनी, सरकारी अखबार ने लिखा- ये खतरे की घंटी

बीजिंग. पिछले हफ्ते जब इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का करिश्मा किया था तो चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस उपलब्धि को कमतर आंका था. उस समय इस अखबार ने कहा था कि भारत के लोगों को इसरो की सफलता पर गर्व करना चाहिए लेकिन अभी उसे […]

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इसरो की सफलता से चीन में बेचैनी, सरकारी अखबार ने लिखा- ये खतरे की घंटी

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  • February 20, 2017 10:15 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
बीजिंग. पिछले हफ्ते जब इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का करिश्मा किया था तो चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस उपलब्धि को कमतर आंका था.
उस समय इस अखबार ने कहा था कि भारत के लोगों को इसरो की सफलता पर गर्व करना चाहिए लेकिन अभी उसे इस क्षेत्र में बहुत कुछ करना है.
अब इसी अखबार में लिखा गया है कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों से चीन को सतर्क रहने की जरूरत है. अखबार के मुताबिक भारत की ओर से कम पैसे में चलाए जा रहे अभियान इस क्षेत्र में चीन के लिए व्यापारिक दृष्टि से खतरा पैदा हो गया है.
अखबार ने आगे लिखा है कि कम पैसों में भारत जिस तरह से एक के बाद एक अभियान चला रहा है उससे चीन के व्यापारिक हितों के लिए खतरे की घंटी है. यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को प्रभावित करेगा.
गौरतलब है कि भारत ने पिछले हफ्ते ही श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-37 को लॉन्च किया है जिसकी मदद से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया. इन उपग्रहों में 96 सिर्फ अकेले अमेरिका के ही उपग्रह थे.
भारत ने एक साथ इतने उपग्रह लॉन्च कर रूस का रिकॉर्ड तोड़ा है. खास बात यह है कि इस अभियान को लॉन्च करने में बहुत कम पैसा लगा है जो इस सेक्टर में काम रहे देशों के लिए चिंता की वजह बन गई है.
अभी तक भारत अपने उपग्रह भेजने के लिए दूसरे देशों को भारी भरकम पैसा दूसरे देशों, अमेरिका, रूस को देता रहा है.
लेकिन इसरो ने पिछले एक दशक में काफी ताकत बढ़ा ली है और बाकी दुनिया के देश खुद अब यहां पर अपने उपग्रह लॉ़न्च कराने के लिए आ रहे हैं.
 

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