Choti Diwali 2018, Naraka Chaturdashi 2018 Date: दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तेल मालिश कर स्नान किया जाता है. नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा की जाती है. जानिए कैसे की जाती है छोटी दिवाली पर पूजा, क्या है छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त और यम तर्पण मंत्र.
नई दिल्ली. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवाली और नरक चौदस के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 6 नवंबर को मनाया जाएगा. छोटी दिवाली अगले दिन बड़ी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. जानिए कैसे की जाती है छोटी दिवाली पर पूजा, क्या है छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त और यम तर्पण मंत्र.
Naraka Chaturdashi 2018: नरक चतुर्दशी व छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त
ऐसी मान्यता है कि छोटी दिवाली पर नरक से बचने के लिए इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठाकर तेल की अच्छे से मालिश कर फिर ही स्नान करना चाहिए. वहीं स्नान करते समय अपामार्ग की टहनियों को सिर से 7 बार घुमाना चाहिए. इसके पश्चात पानी में तेल डाल कर यमराज को तर्पण दिया जाता है. शाम को 5 दीप अवश्य जलाएं और घर के चारों कोनों में रखें.
Naraka Chaturdashi 2018: नरक चतुर्दशी व छोटी दिवाली पर यम तर्पण मंत्र
यमय धर्मराजाय मृत्वे चान्तकाय च |
वैवस्वताय कालाय सर्वभूत चायाय च ||
नर्क चतुर्दशी या फिर नरक चौदस पर यमराज के लिए दीप जलाए जाते हैं ताकि यम प्रसन्न हो जाए और सभी पापों को क्षमा कर दें. छोटी दिवाली के अगले दिन दिवाली और एक दिन बाद धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन पूजा विधिवत करने से नरक की यातनाओं से मुक्ति दिलवाता है. साथ ही इस दिन हनुमान जी की भी पूजा करने का विधान है क्योंकि इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म इसी दिन हुआ था.
नरक चतुर्दशी/ छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा से पहले स्नान का शुभ मुहूर्त- सुबह 4.30 से 06.27 तक
पूजा करने की अवधि- 1 घंटा 57 मिनट
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