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‘वंदे मातरम’ और ‘जन गण मन’ को नहीं मिल सकता बराबर का सम्मान दर्जा -SC

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रष्ट्रगीत वंदे मातरम और राष्ट्रगान को लेकर एक अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने शुक्रवार को वंदे मातरम और जन गण मण को बराबरी का दर्जा देने से इनकार कर दिया है.

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  • February 18, 2017 5:03 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रष्ट्रगीत वंदे मातरम और राष्ट्रगान को लेकर एक अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने शुक्रवार को वंदे मातरम और जन गण मण को बराबरी का दर्जा देने से इनकार कर दिया है.
 
 
कोर्ट ने यह फैसला बीजेपी के नेता अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुनाया है. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है. इसलिए ऐसी अपील सिर्फ राष्ट्रगान जन-गण-मन और राष्ट्रीय ध्वज के मामले में मंजूर की जा सकती है, राष्ट्रगीत के मामले में नहीं.
 
 
कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि जहां तक राष्ट्रगीत का सवाल है, हमारा किसी बहस में पड़ने का इरादा नहीं है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी. जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है.
 
सुप्रीम कोर्ट ने  इसके साथ ही उपाध्याय की एक और याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगीत को बढ़ावा देने और उनका प्रचार करने के लिए एक नेशनल पॉलिसी बनाने के मकसद से निर्देश देने की मांग की थी. 

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