Supreme Court on SC/ST Act: सुप्रीम कोर्ट एसी/एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ 20 नवंबर को सुनवाई करेगा. इस मामले पर आज सुप्रीेम कोर्ट में सुनवाई में पर सरकार की तरफ से कहा गया कि उनका जवाब तैयार है. दरअसल पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब मांगा था.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट एससी/एसटी नए कानून के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर 20 नवंबर को सुनवाई करेगा. आज मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि उनका जवाब तैयार है. शुक्रवार तक जवाब दाखिल कर देंगे. दरअसल एससी/एसटी एक्ट में संसोधन के माध्यम से जोड़े गए नए प्रावधान 18 A के लागू होने से दलितों को सताने के मामले में तुरंत गिरफ्तारी की जाएगी और अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पाएगी. याचिका में अनुसुचित जाति और अनसुचित जनजाति से जुड़े इस एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता ने इस कानून के बनाने पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना सरकार का पक्ष सुने कानून के अमल पर रोक नहीं लगाई जा सकती. SC/ST अत्याचार निवारण संशोधन कानून 2018 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है.
https://youtu.be/ZMP3eeX1PeA
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिक में कहा गया है कि सरकार द्वारा बनाया गया नया कानून असंवैधानिक है, क्योंकि केंद्र सरकार ने 18A कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कमजोर बनाया है जोकि गलत है और सरकार के इस कानून के आने से बेगुनाह लोगों के फिर से फंसाया जाएगा. याचिकाकर्ता द्वारा ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के एससी/एसटी नए कानून को असंवैधानिक करार दे और जब तक ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहे, तब तक कोर्ट नए कानून के अमल पर रोक लगाए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ वकील प्रिया शर्मा और पृथ्वीराज चौहान और एक एनजीओ ने याचिका दाखिल की है. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के केंद्र सरकार के एससी-एसटी संसोधन कानून 2018 को चुनौती दी गई है. याचिक में ये भी कहा गया है कि एससी एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक को बहाल किया जाए.
https://youtu.be/OJOFlwKeJqw