Rajsthan Assembly Election 2018: राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने कमर कस ली है. पार्टी खराब परफॉर्मेंस वाले करीब 80-100 विधायकों को टिकट न देने का विचार बना रही है. लेकिन राज्य में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के लिए यह आसान नहीं होगा.
नई दिल्ली. Rajsthan Assembly Election 2018: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने आधे ज्यादा से ज्यादा मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट न देने पर विचार कर रही है. इसका कारण इन विधायकों के खिलाफ बढ़ता असंतोष है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि मौजूदा 160 में से 80-100 विधायकों की जगह किसी और को टिकट देने की बात चल रही है. पार्टी इस कदम से अन्य राज्यों के विधायकों और लोकसभा सांसदों को साफ कर देना चाहती है कि काम न करने वाले नेताओं के फीडबैक को देखते हुए उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी के नमो एेप पर विधायकों और सांसदों का फीडबैक के आधार पर एेसा किया जाएगा.
इस एेप का लोग ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को अपने क्षेत्र के नेताओं का फीडबैक दे रहे हैं. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक मौजूदा विधायक ने कहा, मतदाताओं के मुताबिक काम नहीं करने वाले विधायकों से वोटर बदला ले सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि इस बार पार्टी युवा नेताओं को टिकट देगी, जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे. ये वे लोग होंगे, जो वर्षों से लोगों की इलाके में सेवा कर रहे हैं. इस तरीके से लोगों का गुस्सा ठंडा किया जा सकता है.
गौरतलब है कि बीजेपी के लिए राज्य में दो बड़े सिरदर्द हैं. पहला नए उम्मीदवारों का चुनाव करते हुए परफॉर्मेंस बड़ा मुद्दा है और मौजूदा विधायकों को हटाने में जातिगत समीकरण को भी ध्यान में रखना है. बीजेपी के पारंपरिक समर्थक राजपूत कांग्रेस की ओर रुख करते नजर आ रहे हैं, जबकि पूर्वी राजस्थान में मीना समुदाय के लोग बीजेपी को पसंद कर रहे हैं क्योंकि उनके समुदाय के किरोड़ी लाल हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं, जिन्हें राज्यसभा सांसद बनाया गया है.