Dussehra 2018: भारत में इन 5 जगहों पर पूजे जाते हैं लंकापति रावण, जानिए क्या है वजह?

Dussehra 2018: नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी का त्योहार का जश्न मनाया जाता है, जिसे हम दशहरा कहा जाता है. इस दिन परंपरा अनुसार रावण के पुतले का दहन कर, असत्य पर सत्य की विजय का जश्न मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति के अनुसार रावण को खलनायक की तरह समाज में देखा जाता है. लेकिन आज भी भारत में कुछ ऐसे स्थान हैं जहां रावण का दहन नहीं बल्कि उनकी पूजा की जाती है.

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Dussehra 2018: भारत में इन 5 जगहों पर पूजे जाते हैं लंकापति रावण, जानिए क्या है वजह?

Aanchal Pandey

  • October 18, 2018 11:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी का त्योहार का जश्न मनाया जाता है, जिसे हम दशहरा कहा जाता है. इस दिन परंपरा अनुसार रावण के पुतले का दहन कर, असत्य पर सत्य की विजय का जश्न मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति के अनुसार रावण को खलनायक की तरह समाज में देखा जाता है. लेकिन आज भी भारत में कुछ ऐसे स्थान हैं जहां रावण का दहन नहीं बल्कि उनकी पूजा की जाती है. तो जानिए रावण के इन 5 मंदिरों के बारे में…..

मंदसौर, मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था, और यह रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी का मायका था. इसलिए इस शहर का नाम मंदसौर पड़ा. क्योंकि मंदसौर रावण का ससुराल था, और यहां की बेटी रावण से ब्याही गई थी, इसलिए यहां दामाद के सम्मान की परंपरा की वजह से उनके पुतले का दहन करने की बजाय उनकी पूजी की जाती है.

कोलार, कर्नाटक
कर्नाटक के मंडया जिले के मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है, जहां लोग उसे पूजते हैं. इसके अलावा कर्नाटक के कोलार में भी लोग शिवभक्त के रूप में रावण की पूजा करते हैं. यहां भी दशहरा के अवसर पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है.

जोधपुर में लंकाधिपति का मंदिर
जोधपुर के दवे, गोधा और श्रीमाली समाज के लोग रावण की पूजा करते हैं. शहर में ही लंकाधिपति रावण का मंदिर भी है. लोग मानते हैं कि जोधपुर रावण का ससुराल था तो कुछ मानते हैं कि रावण के वध के बाद रावण के वंशज यहां आकर बस गए थे. यहां के लोग अपने को रावण का वंशज मानते हैं. जिस कारण रावण का दहन नहीं किया जाता.

बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शिवनगरी के नाम से मशहूर बैजनाथ कस्बा है. यहां के लोग रावण का पुतला जलाना महापाप समझते हैं. मान्यता है कि यहां रावण शिव की तपस्या में लीन था. इसको दिखाते हुए एक मंदिर भी है. माना जाता है कि रावण ने यहां एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी.

बिसरख, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव में भी रावण का मंदिर बना हुआ है और उसका पूजन होता है. ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव, रावण का ननिहल था. इस कारण वहां रावण का दहन नहीं किया जाता.

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