केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की मियाद को नहीं बढ़ाएगी. 5 अप्रैल को इस अध्यादेश की मियाद खत्म हो रही है. सूत्रों से पता चला है कि विपक्ष और किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी मियाद नहीं बढ़ाने का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कोर ग्रुप से इस बारे में चर्चा भी की, जिसमें फैसला हुआ है कि सरकार किसान संगठनों और राजनीतिक दलों से बिल पर बात करेगी और इसके बाद बिल को बजट सत्र के दूसरे हिस्से में लाया जा सकता है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की मियाद को नहीं बढ़ाएगी. 5 अप्रैल को इस अध्यादेश की मियाद खत्म हो रही है. सूत्रों से पता चला है कि विपक्ष और किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी मियाद नहीं बढ़ाने का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कोर ग्रुप से इस बारे में चर्चा भी की, जिसमें फैसला हुआ है कि सरकार किसान संगठनों और राजनीतिक दलों से बिल पर बात करेगी और इसके बाद बिल को बजट सत्र के दूसरे हिस्से में लाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और किसान संगठनों ने हाल के दिनों में दिल्ली में लैंड बिल के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. समाजसेवी अन्ना हजारे भी बिल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. बीजेपी के सहयोगी दल अकाली दल के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी पीएम के सामने कहा कि जमीन लेने से पहले किसानों से पूछा जाना जरूरी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जमीन अधिग्रहण बिल पर ही ज्यादा बातें की थीं.