Assam Fake Encounter: असम फेक एनकाउंटर मामले में आर्मी मेजर सहित सात को उम्रकैद

Assam fake encounter: असम के तिनसुकिया में हुए फेक एनकाउंटर मामले में सैन्य अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने पांच लोगों के एनकाउंटर को फेक करार देते हुए मेजर जनरल सहित आर्मी के सात जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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Assam Fake Encounter: असम फेक एनकाउंटर मामले में आर्मी मेजर सहित सात को उम्रकैद

Aanchal Pandey

  • October 15, 2018 7:13 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

गुवाहाटी. Assam Fake Encounter: असम में 24 साल पहले हुए फेक एनकाउंटर मामले में सैन्य अदालत ने शनिवार को एक मेजर जनरल, दो कर्नल समेत सात सैनिकों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मेजर जनरल एके लाल, कर्नल थॉमस मैथ्यू, कर्नल आरएस सिबिरेन, कैप्टन दिलीप सिंह, कैप्टन जगदेव सिंह, नायक अलबिंदर सिंह और नायक शिवेंदर सिंह को एक फेक एनकाउंटर मामले में सजा सुनाई गई है. 18 फरवरी 1994 को सेना ने ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नौ सदस्य मार उठाए थे.

आर्मी जवानों ने उल्फा आतंकवादियों द्वारा चाय के बागान के महाप्रबंधक की हत्या के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों को उठाया था. इसके बाद 23 फरवरी को दंगारी में पांच कार्यकर्ताओं को मुठभेड़ में मार गिराया था. एएएसयू के कार्यकर्ता प्रबीन सोनोवाल, प्रदीप दत्ता, देबाजीत बिस्वास, अखिल सोनोवाल और भाबेन मोरान इस मुठभेड़ में मारे गए थे. एनकाउंटर के बाद इन सेना ने लोगों के शव ढोला थाने में पेश किए जिन्हें लेने से पुलिस ने इंकार कर दिया. कुछ दिन बाद ये शव पास के एरिया से बरामद किए गए थे.

भाजपा नेता जगदीश भुइयां ने इस मामले को लेकर गुवाहाटी हाईकोर्ट पहुंचे और न्याय की लड़ाई लड़ी. उस वक्त वे एएएसयू के उपाध्यक्ष थे. हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद अब सैन्य कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाया है. इस मामले पर कोर्ट मार्शल की कार्रवाई इस साल 16 जुलाई को शुरू हुई थी. वर्तमान में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल उस वक्त एएएसयू प्रेसिडेंट थे. भाजपा नेता जगदीश भुइयां ने फैसला आने के बाद कहा कि मुझे न्यायिक सिस्टम पर पूरा भरोसा था. इस फैसले से वे संतुष्ट हैं. 

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