सिख जोक मामले में SC ने कहा, लोगों के लिए नैतिक दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकते

नई दिल्ली : सिख पर जोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट लोगों के लिए नैतिक दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकता. यह बेहद मुश्किल है कि किसी समुदाय विशेष के लिए ही दिशानिर्देश बनाए जाएं.   कोर्ट ने कहा कि अगर आज किसी धर्म या जाति विशेष के लिए कोई दिशानिर्देश बनाए […]

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सिख जोक मामले में SC ने कहा, लोगों के लिए नैतिक दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकते

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  • February 7, 2017 11:52 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : सिख पर जोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट लोगों के लिए नैतिक दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकता. यह बेहद मुश्किल है कि किसी समुदाय विशेष के लिए ही दिशानिर्देश बनाए जाएं.
 
कोर्ट ने कहा कि अगर आज किसी धर्म या जाति विशेष के लिए कोई दिशानिर्देश बनाए जाते हैं, तो कल को कोई दूसरी जाति या धर्म के लोग दिशानिर्देश बनाने की मांग लेकर कोर्ट आ जाएंगे. 
 
हंसी पर नियंत्रण नहीं
जहां तक कानूनी सामधान की बात है, तो उस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हंसी पर कोई नियंत्रण नहीं है. कोई हंसता है और कोई नहीं हंसता. अगर किसी को जोक्स से आपत्ति है तो वो कानून के हिसाब से केस दर्ज करा सकता है.’
 
न्यायालय ने कहा कि अगर स्कूल में किसी बच्चे को कोई शिकायत या परेशानी है तो प्रिंसिपल और टीचर से इस बारे में कहा जा सकता है. वे लोग इसका हल निकालेंगे. इसके लिए कोई गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती.  
 
 
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सेना में रेजिमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि सेना की रेजिमेंट्स से इस मामले की तुलना करना सही नहीं. जब रात में हम शांति से सोते हैं तो सरहद पर जवान न्यूनतम तापमान में जागकर सुरक्षा करते हैं. शांति के वक्त बच्चे पिता का अंतिम संस्कार करते हैं पर लेकिन युद्ध के समय पिता पुत्र का. ये सैनिक का धर्म है.
 
अगली सुनवाई 27 मार्च को
इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था, ‘हम यह नहीं कह रहे कि इस मामले पर कोई गाइडलाइन नहीं होनी चाहिए लेकिन सवाल ये उठता है कि इन निर्देशों को लागू कैसे किया जाएगा? 
 
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपनी दलीलें रखने वाले वकीलों और सिख संस्थाओं से इस संबंध में सुझाव मांगें. कोर्ट ने यह भी कहा, ‘हम इस तरह के जोक्स और सामग्री के व्यावसायिक प्रचलन पर रोक का आदेश दे सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से इसे रोकना आसान नहीं होगा. एक महिला वकील ने जनहित याचिका दायर करके सिखों को लेकर किए जाने वाले जोक्स पर रोक लगाने की मांग की थी.
 

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