सीरिया सरकार ने 13000 कैदियों को जेल में दी फांसी : एमनेस्टी इंटरनेशनल

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के 13000 विरोधियों के जेल में फांसी लगा दी गई. संस्था ने असद सरकार पर तबाही की नीति अपनाने का आरोप लगाया है. संस्था का कहना है कि यह फांसी गुपचुप तरीके से जेल में दी गई.

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सीरिया सरकार ने 13000 कैदियों को जेल में दी फांसी : एमनेस्टी इंटरनेशनल

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  • February 7, 2017 9:13 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
बेरूत : मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के 13000 विरोधियों के जेल में फांसी लगा दी गई. संस्था ने असद सरकार पर तबाही की नीति अपनाने का आरोप लगाया है. संस्था का कहना है कि यह फांसी गुपचुप तरीके से जेल में दी गई.
 
एमनेस्टी इंटरनेशनल का यह खुलासा हैरान कर देने वाला है. एमनेस्टी की ‘ह्यूमन स्लॉटरहाउस: मास हैंगिंग एंड एक्सटरमिनेशन एट सैदनाया प्रीजन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट सुरक्षाकर्मियों, बंदियों और न्यायाधीशों सहित 84 प्रत्यक्षदर्शियों के साक्षात्कारों पर आधारित है। 
 
 
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से 2015 के बीच सप्ताह के बीच कम से कम एक बार  करीब 50 लोगों जेल से निकाला जाता था. उनपर मनमाने ढंग से मुकदमें की कार्यवाही करने पीटने और फांसी देने के लिए निकाला जाता था. वहां सामूहिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत का यह खेल अभी भी जारी है.
 
उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती थी. यहां तक की उनके गर्दनों पर फंदा डाले जाने तक भी उन्हें यह नहीं पता होता था कि वे कब और कैसे मरने वाले हैं. फांसी के बाद शव को गोपनीय तरीके से दफना दिया जाता था. जिन्हें मारा जाता था माना जाता था कि वे बशर अल असद सरकार के विरोधी हैं. 
 
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल में वकील और ट्रायल के बिना ही केवल यातना देकर अपराध कबूल कराया जाता है और फांसी की सजा दे दी जाती है. रिपोर्ट में इसे युद्ध अपराध कहा गया है. यह रिपोर्ट 84 चश्मदीद गवाहों के बयान के आधार पर तैयार की गई है. संस्था ने संयुक्त राष्ट्र से इसकी जांच कराने की अपील की है.
 

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