महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे के चिक्की घोटाले के बाद अब महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का नाम भी विवादों में आ गया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक तावड़े पर भी बिना ई-टेंडरिंग के 191 करोड़ का ठेका देने का आरोप है. वित्तीय विभाग ने इस ठेके में हुई अनियमितताओं का खुलासा किया है. वित्तीय विभाग के इस आरोप के बाद तावड़े ने इस ठेके को रोक दिया है.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे के चिक्की घोटाले के बाद अब महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का नाम भी विवादों में आ गया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक तावड़े पर भी बिना ई-टेंडरिंग के 191 करोड़ का ठेका देने का आरोप है. वित्तीय विभाग ने इस ठेके में हुई अनियमितताओं का खुलासा किया है. वित्तीय विभाग के इस आरोप के बाद तावड़े ने इस ठेके को रोक दिया है.
आखिर क्या है घोटाला
अखबार के मुताबिक स्कूलों के लिए आग बुझाने वाले यंत्र की खऱीद का ठेका बिना ई-टेंडरिंग के ही ठाणे की एक कंपनी को दिया गया. राज्य के 62 हजार 105 स्कूलों के लिए तीन-तीन अग्निशामक खरीदे जाने थे. फरवरी महीने की 11 तारीख को ठेका दिया गया और मार्च में इस पर रोक लगा दी गई. जिस ठेकेदार को ठेका दिया गया है वो महाराष्ट्र सरकार की सरकारी लिस्ट में शामिल भी नहीं रहा है. लेकिन वो केंद्र की कॉन्ट्रैक्टर लिस्ट में शामिल है. 22 जुलाई 2004 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में आग बुझाने वाले उपकरण लगाने के आदेश दिए थे.
विनोद तावड़े ने कहा सब झूठ है
उधर शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि ये ठेका 191 करोड़ का नहीं बल्कि 6 करोड़ का है. उन्होंने आगे कहा, “हमने कॉन्ट्रैक्टर को एक पैसा भी नहीं दिया है साथ ही जांच के आदेश दिये हैं.” तावड़े इस आरोप से इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने ई-टेंडरिंग जैसी प्रक्रिया के पालन में कोई कोताही बरती.
एजेंसी इनपुट भी