#MeToo: मोदी सरकार के मंत्री उदित राज ने #MeToo कैंपेन को एक गलत प्रथा की शुरूआत बताया है. उदित राज ने कहा कि अगर कोई महिला 10 साल बाद आरोप लगाती है तो यह साबित कैसे हो पाएगा. #MeToo कैंपेन के भारत में दस्तक देने के साथ ही बॉलीवुड जगत में हंगामा मचा हुआ है.
नई दिल्ली. #metoo कैंपेन की इंडिया में धमक के साथ ही महिलाओं ने यौन शोषण करने वालों पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. इस कैंपेन को एक धड़ा काफी सराह रहा है तो वहीं कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं. बीजेपी सांसद उदित राज ने इस कैंपेन पर सवाल उठाए हैं. उदित राज ने ट्वीट कर कहा है कि भारत में यह गलत प्रथा की शुरूआत है. उदित राज ने ट्वीट किया है, ‘#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगी? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है. गलत प्रथा की शुरुआत है.’
उदित राज का यह बयान उस वक्त आया है जब बॉलीवुड और मीडिया से जुड़े दिग्गजों के बारे में सोशल मीडिया के जरिए सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. इस कैंपेन के तहत कई फिल्मी हस्तियों के नाम इस कैंपेन के तहत उजागर हुए हैं. इस साल मुख्यतौर पर तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर लगाए हैरेसमेंट के आरोपों के बाद एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. इसमें अभी मीडिया जगत से जुड़े भी कुछ नाम सामने आए हैं. इसके बाद अब राजनीतिज्ञों के बारे में भी खुलासे होने की संभावना है. मोदी सरकार के मंत्री एम जे अकबर पर एक महिला ने मीटू के तहत गंभीर आरोप लगाए हैं.
#metoo का समर्थन करने वाले लोगों का तर्क है कि यौन शोषण का मौका देखने वालों का खुलासा होने से आने वाला समय सुरक्षा से भरा होगा. खासकर लड़कियों और महिलाओं को ऑफिसों में एक बेहतर माहौल मिलेगा. अभी जो मामले खुल रहे हैं इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा क्योंकि लोग किसी भी तरह का शोषण करने से घबराने लगेंगे. इसके अलावा इसका विरोध करने वाले लोगों का तर्क है कि इससे डर का माहौल बढ़ेगा और लड़कियों को काम देने में लोग हिचकेंगे.
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
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