दिल्ली हाइकोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ़ के मामले में दिल्ली सरकार को राहत देने से इनकार किया है. हाइकोर्ट ने मुकेश मीणा को दफ्तर जाने और ACB के कामकाज में दखल देने से रोकने की दिल्ली सरकार की मांग पर कोई भी आदेश जारी नहीं किया है. इसका मतलब है कि मीणा अभी ACB में ही रहेंगे. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र को नोटिस भेजकर दो हफ़्ते में जवाब मांगा है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाइकोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ़ के मामले में दिल्ली सरकार को राहत देने से इनकार किया है. हाइकोर्ट ने मुकेश मीणा को दफ्तर जाने और ACB के कामकाज में दखल देने से रोकने की दिल्ली सरकार की मांग पर कोई भी आदेश जारी नहीं किया है. इसका मतलब है कि मीणा अभी ACB में ही रहेंगे. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र को नोटिस भेजकर दो हफ़्ते में जवाब मांगा है.
मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी. सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद दिल्ली सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार का मानना है कि मीणा की नियुक्ति का मुद्दा ऐसा है, जिसमें इंतज़ार नहीं किया जा सकता.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में दिल्ली सरकार ने मीणा के दफ़्तर में घुसने पर रोक लगाने की मांग की थी. खास बात ये है कि उपराज्यपाल द्वारा मीणा की नियुक्ति के बाद से ही दिल्ली सरकार और मीणा के बीच तनातनी के हालात बने हुए हैं. कुछ दिन पहले एसीबी के दफ़्तर में एडिश्नल कमिश्नर एसएस यादव और एमके मीणा के बीच जमकर झगड़ा हुआ था. मीणा और यादव दोनों आईपीएस अफसरों ने एक-दूसरे पर बदसलूकी और धमकी देने जैसे आरोप लगाए हैं. बताया जाता है कि दोनों के बीच झगड़ा एफआईआर रजिस्टर पर कब्जे को लेकर हुआ था.
एजेंसी