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उत्तराखंड में देर से मिल रहा सरकारी राशन तो नेपाल के बाजार से चीन का अनाज खरीदने को मजबूर लोग

देव भूमी कहे जाने वाले उत्तराखंड के पिथौरगढ़ में भारत-नेपाल की सीमा पर बसे गांवों में राशन की सरकारी राशन की आपूर्ति की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से आदिवासी ग्रामीण पास में स्थित नेपाल के बाजारों से चाइनीज अनाज खरीद रहे हैं.

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Uttarakhand Kumaon region Pithoragarh tribals villagers depend on Chinese foodgrains bought from Nepal because of Short supply of government ration
  • October 7, 2018 6:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

पिथौरागढ़. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में स्थित भारत-नेपाल की सीमा पर बसे गांव के आदिवासियों को सरकारी राशन की कमी के कारण नेपाल के बाजार से चीनी अनाज खरीदना पड़ रहा है. इस बारे में आदिवासी नेता कृष्ण गरबियल कहते हैं कि लोगों की जरूरत के हिसाब से सरकारी राशन की आपूर्ति नहीं हो रही, इसलिए ग्रामीणों को चाइनीज अनाज पर निर्भर होना पड़ रहा है जिसे वे कुछ दूर स्थित नेपाल देश के बाजारों से खरीद कर लाते हैं.

गौरतलब है कि आदिवासी नेता कृष्ण गरबियल लोगों की इस समस्या को लेकर धरचूला तहसील के एसडीएम से मिले और लोगों में बांटे जाने वाले सरकारी राशन में बढ़ोतरी की मांग की. गरबियल ने बताया कि ग्रामीण राशन खरीदने के लिए इंडिया-नेपाल बोर्डर पर स्थित काली नदी के पुल को पार कर नेपाल के टिनकर और चंगरु इलाके के बाजारों में जाते हैं. गरबियल ने आगे कहा कि सरकार हर एक परिवार को एक महीने में 5 किलो गेंहू और 2 किलो चावल देती है जो कि काफी कम है.

आदिवासी नेता ने बताया कि यहां कई इलाके काफी ऊंचे पर स्थित हैं जिस वजह से गेंहू और मक्का जैसी फसल नहीं होती है. इसी वजह से वे सरकार से कई बार राशन कोटा बढ़ाने की मांग कर चुके हैं. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि एक तो राशन वैसे ही कम है ऊपर से जितना मिलता है, वह भी समय से मुहैया नहीं कराया जाता है. उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरी बार राशन मानसून के आने से पहले मिला था. जिसके बाद से उनके पास राशन नहीं पहुंचा है.

वहीं धरचूला एसडीएम आरके पांडे ने इस मामले में कहा है कि मानसून की शुरूआत से पहले करीब 72.5 क्वींटल राशन हेलिकॉप्टर के जरिए व्यास वैली में स्थित गांवों को भेजा गया था. ऐसे में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने का राशन भेजना अभी बाकी है. बता दें कि इलाके की सड़कों की हालत काफी खराब जिनकी पिछले कुछ समय से मरम्मत की जा रही है. इसलिए प्रशासन को हेलिकॉप्टर के जरिए राशन मंगवाना पड़ रहा है.

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