मामला बिहार के सुपौल जिले के कस्तूरबा गांधी स्कूल का है, जहां लड़कियों ने जब छेड़छाड़ करने वाले लड़कों को पीटा तो वे अपने माता-पिता और रिश्तेदारों को बुला लाए. इन लोगों ने स्कूल को घेर लिया और लड़कियों एवं टीचर्स को बुरी तरह पीटा. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर एक महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पटना. बिहार में मनचलों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे अब सरेआम लड़कियों को छेड़ रहे हैं. जब छेड़छाड़ का विरोध किया तो लड़कों ने गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर 34 लड़कियों के साथ बुरी तरह मारपीट की. घायल लड़कियों को सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कुछ लड़के कस्तूरबा गांधी स्कूल में घुस आए और उन्हें बाहर जाने को कहा. रिहायशी स्कूल की एक चश्मदीद ने कहा कि लड़कों ने कथित तौर पर लड़कियों के साथ बदसलूकी की, जिसके बाद आत्मरक्षा में लड़कियों ने उन्हें पीट दिया. बाद में लड़के अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के साथ स्कूल में घुस आए और लड़कियों व टीचर्स को खूब पीटा. पुलिस ने इस मामले में 8 नामजद समेत 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिनमें से एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
शिकायत में कहा गया कि स्थानीय लोगों ने लड़कियों और टीचर्स को पीटा. घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक और सांसद लड़कियों से मिलने अस्पताल पहुंचे. इस घटना की विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. ट्वीट कर तेजस्वी ने लिखा, बिहार में सुपौल के त्रिवेणीगंज के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स स्कूल में घुसकर असामाजिक तत्वों द्वारा हॉस्टल में रहने वाली 34 छात्राओं को बुरे तरीके से मारा-पीटा गया है. बेखौफ गुंडों की मार से घायल सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.सरकार नरम है, अपराध चरम पर है.
बिहार में सुपौल के त्रिवेणीगंज के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स स्कूल में घुसकर असामाजिक तत्वों द्वारा हॉस्टल में रहने वाली 34 छात्राओं को बुरे तरीके से मारा-पीटा गया है। बेख़ौफ गुंडों की मार से घायल सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सरकार नरम है, अपराध चरम पर है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 6, 2018
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की शुरुआत तब हुई, जब लड़कियां हाई स्कूल में खेल रही थीं. तब कुछ लड़कों ने उन पर अश्लील टिप्पणी की और स्कूल की दीवार पर गंदी बातें लिख दीं. लड़कियों ने इसका विरोध किया तो लड़कों ने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी. इसके बाद दर्जनों लोग कस्तूरबा स्कूल पहुंचे और उनकी पिटाई कर दी.
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