मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस डी देवदास ने कुछ दिनों पहले एक रेप केस के दोषी को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह पीड़िता से समझौता कर सके. हालांकि जज के इस फैसले से पीड़िता नाराज है. उसका कहना है कि इस फैसले से उसके सालों पुराने जख्म फिर हरे हो गए हैं. उसने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यहां तक कह दिया कि वह अपनी बच्ची को यह बताएगी कि उसका बाप रेपिस्ट था.
चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस डी देवदास ने कुछ दिनों पहले एक रेप केस के दोषी को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह पीड़िता से समझौता कर सके. हालांकि जज के इस फैसले से पीड़िता नाराज है. उसका कहना है कि इस फैसले से उसके सालों पुराने जख्म फिर हरे हो गए हैं. उसने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यहां तक कह दिया कि वह अपनी बच्ची को यह बताएगी कि उसका बाप रेपिस्ट था.
तमिलनाडु के कुड्डालोर से 80 किलोमीटर दूर एक गांव में रह रही इस अनब्याही मां ने कहा, “क्या आरोपी को जमानत देते वक्त जज ने एक बार भी यह सोचा कि पिछले सात सालों के दौरान मैं किन हालात से गुजरी हूं? रेप के बाद आज मेरी छह साल की बच्ची है, जब वह बड़ी हो जाएगी तो मैं उसे बताऊंगी कि उसका बाप एक रेपिस्ट था.” पीड़िता का कहना है कि जज को अपना ऑर्डर रद्द कर देना चाहिए.
यह है मामला
कुड्डालोर के एक गांव में रहने वाली यह लड़की साल 2008 में जब सिर्फ 14 साल की थी, तब गांव के ही एक आदमी वी. मोहन ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और बाद में उसके साथ रेप किया. लड़की के पेरेंट्स पर उसका अबॉर्शन कराने के लिए काफी दबाव डाला गया, मारपीट भी की गई. साल 2014 में एक महिला कोर्ट ने आरोपी को सात साल की सजा और दो लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस देवदास ने आरोपी की याचिका पर उसे जमानत देते हुए कहा कि वह पीड़िता से समझौता करे, ताकि पीड़िता और उसकी बच्ची को न्याय मिल सके और बच्ची का जीवन तबाह न हो. पीड़िता जज के इस फैसले से खफा है. जज ने आरोपी को जमानत देते हुए कहा था कि वह पहले भी ऐसे ही एक मामले में आरोपी को जमानत दे चुके हैं और उसका रिजल्ट पॉजिटिव रहा था.
पीड़िता ने कहा, कोई समझौता नहीं करूंगी
जज ने भले ही मध्यस्थों के जरिए समझौते की बात कही हो, लेकिन पीड़िता इससे कतई सहमत नहीं है. उसका कहना है, “मैं कभी समझौता नहीं करूंगी और पूरी जिंदगी इस अन्याय के खिलाफ लड़ूंगी. मैं अपनी बेटी को बताऊंगी कि मैंने जिंदगी में कितना कठिन संघर्ष किया है. अगर मैंने समझौता कर लिया तो बड़ी होकर मेरी बेटी मुझसे पूछेगी कि मैंने कितने पैसे लेकर समझौता किया. हो सकता है, आज आरोपी से पैसा लेकर मुझे कुछ मदद मिल जाए, लेकिन आगे क्या होगा? एक दिन बेटी को पता लग जाएगा कि उसका पिता एक रेपिस्ट था. वह कठिनाइयों में जीना सीखेगी तो एक दिन मजबूत बन सकेगी.”