चुनाव आयोग ने चुनाव में दिव्यांग जनों की सहभागिता बढ़ाने के लिए राज्य के सभी निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के दिन सभी दिव्यांगों को घर से पोलिंग बूथ तक लाने और वहां से ले जाने के लिए समुचित साधनों की व्यवस्था कि जाए. दिव्यांगों को लाने ले जाने के लिए सरकारी वाहनों को उपयोग में लाया जा सकता है. चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि जो मतदाता नेत्रहीन हैं उनके लिए ब्रेल लिपि मतदाता पहचान पत्र जारी किए जाएं.
नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग के सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि दिव्यांग वोटरों को पोलिंग बूथ तक लाने और ले जाने के लिए वाहन की सुविधा मुहैया कराएं. चुनाव आयोग ने कहा कि इसके लिए सरकारी साधनों का भी उपयोग किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने सभी वोटरों की चुनाव में सहभागिता बढ़ाने के लिए ये कदम उठाया है.
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया कि जो मतदाता नेत्रहीन हैं उन्हें सुलभ ब्रेल लिपि वाले मतदाता पहचान पत्र जारी किए जाएं. देश में इस तरह की मतदाताओं की संख्या कई लाख है. अकेले मध्य प्रदेश में 3 लाख 40 हजार वोटर इस कैटेगरी में आते हैं वहीं छत्तीसगढ़ में इन दिव्यांग वोटरों की संख्या 1 लाख 12 हजार है जबकि मिजोरम में ये संख्या 3,915 है. जाहिर है इन तीनों राज्यों में साल 2018 में विधान सभा चुनाव होने हैं.
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चुनाव के दिन सभी बूथों पर दिव्यांग लोगों को घर से लाने और घर तक ले जाने के लिए साधनों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. दिव्यांग लोगों को लाने और ले जाने के लिए सरकारी वाहनो का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जिला निर्वाचन अधिकारी सहित चुनाव अधिकारी इस यातायात की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा प्रत्येक जिले में यातायात नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी.