मुफ्त की घी-रोटी या रोजगार और विकास, जनता के लिए क्या चाहिए?

चुनावी मौसम में सभी पार्टियों ने जनता पर मुफ्त के तोहफों की बरसात कर दी है. कोई फ्री बिजली देने का वादा कर रहा है, तो कोई मुफ्त में स्मार्ट फोन. अब तो सब्सिडी वाला घी और फ्री के चावल-गेहूं के साथ प्रेशर कुकर भी चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा है.

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मुफ्त की घी-रोटी या रोजगार और विकास, जनता के लिए क्या चाहिए?

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  • January 24, 2017 4:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : चुनावी मौसम में सभी पार्टियों ने जनता पर मुफ्त के तोहफों की बरसात कर दी है. कोई फ्री बिजली देने का वादा कर रहा है, तो कोई मुफ्त में स्मार्ट फोन. अब तो सब्सिडी वाला घी और फ्री के चावल-गेहूं के साथ प्रेशर कुकर भी चुनाव घोषणा पत्र का हिस्सा है.
 
इससे पहले भी चुनावी मौसम में फ्रिज, टीवी और नगद कैश बांटने का चलन रहा है. चुनाव आयोग हर बार इस पर नकेल कसने की कोशिश तो करता है लेकिन राजनीतिक दल फिर भी इससे बाज नहीं आते.
 
अब सवाल उठता है कि जनता के लिए मुफ्त की घी-रोटी जरूरी है या पक्का रोजगार और विकास? क्या चुनावी घोषणा पत्र जनता को बहकाने का सामान बन गए हैं. इन्हीं अहम सवालों पर चर्चा की गई आज इंडिया न्यूज के खास शो ‘बड़ी बहस’ में. वीडियो में में देखें पूरा शो.
 

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