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4 साल में बैंको को लगा 3 लाख करोड़ से ज्यादा का बट्टा, पीएम नरेंद्र मोदी पर बरसे राहुल गांधी

पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों ने 3,16,500 करोड़ रुपये का कर्ज राइट ऑफ किया है. इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि नोटबंदी उद्योगपतियों के लिए की गई थी ताकि अमीर जनता का पैसा जमा कराकर अपने उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाया जा सके.

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Rahul gandhi attacks Pm Narendra Modi
  • October 1, 2018 2:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. रिजर्व बैंक के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि पिछले चार साल में सार्वजनिक बैंकों ने जितनी लोन वसूली की है उसका सात गुना बट्टे खाते में डाल दिया है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के दौरान देश के 21 सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों ने 3,16,500 करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ कर दिया है. इस मामले पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है.

राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए दो तरह का इंडिया बताते हुए लिखा है कि आम आदमी के लिए नोटबंदी में लाइन लगवाई गई कि अपना पैसा बैंकों में जमा करो. सारी डिटेल्स आधार के जरिए दो लेकिन आप अपना पैसा यूज नहीं कर सकते. इसके अलावा अपने चहेते उद्योगपतियों के लिए नोटबंदी में सारे द्वार खोल दिए ताकि वे अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट कर लें. इसके बाद भी जनता की कमाई में से अपने चहेते उद्योगपतियों का 3.16 लाख करोड़ का लोन बट्टे खाते में डाल दिया.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसे ‘मोदी कृपा’ और ‘पब्लिक लूट’ बताया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते चार साल में जो धन राइट ऑफ किया गया है वह 2018-19 में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए तय बजट 1.38 लाख करोड़ रुपये के दोगुने से ज्यादा है. 21 बैंकों द्वारा राइट ऑफ किया गया कर्ज यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में किए गए राइट ऑफ से 166 फीसदी से भी ज्यादा है.

हालांकि, संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के सामने रिजर्व बैंक ने जो आंकड़े पेश किए हैं उनके अनुसार इस दौरान वसूली की दर 14.2 फीसदी रही है. वसूली की यह दर निजी बैंकों के 5 फीसदी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 21 सार्वजनिक बैंकों का कुल बैंक एसेट में 70 फीसदी हिस्सा है, वहीं उनका हिस्सा बैंकिंग सेक्टर के कुल एनपीए में 86 फीसदी है.

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