नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एमिक्स क्यूरी
गोपाल सुब्रमण्यम और
अनिल दीवान ने सीलबंद लिफाफे में 9 नाम सौंपे हैं. इन नामों में पूर्व क्रिकेटरों को भी शामिल किया गया है. लेकिन कोर्ट ने प्रशासक कमेटी में 9 लोगों को शामिल करने में आपत्ति जाहिर की है. कोर्ट ने कहा है कि 9 में से कौन BCCI प्रशासक होगा ये हम तय करेंगे, तब तक CEO ही BCCI का कामकाज देखेंगे.
कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल लिस्ट के नामों को सार्वजनिक न किया जाए. कोर्ट के इस आदेश के बाद बोर्ड के 70 साल से अधिक के हो चुके पदाधिकारियों को पद छोड़ना पड़ा. बता दें कि इस वक्त अनुराग ठाकुर के जाने के बाद
BCCI का अध्यक्ष पद खाली पड़ा है. 2 जनवरी को कोर्ट के आदेश के बाद बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया गया था.
कोर्ट ने कहा कि बोर्ड से जुड़े वह सभी अधिकारी जिन्होंने जस्टिल लोढा पैनल की सिफारिशें पूरी तरह नहीं मानी हैं, उन्हें जाना ही होगा. कोर्ट ने कहा कि 24 जनवरी मंगलवार को BCCI मामले में अगली सुनवाई होगी. अगले हफ्ते तय हो सकता है कि कोर्ट BCCI का प्रशासक किसे नियुक्त करता है.
SC ने खारिज की क्यूरेटिव याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने BCCI की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर बीसीसीआई को एक और झटका दे दिया है. भारत में क्रिकेट प्रशासन में सुधार लाने के लिए कोर्ट ने
जस्टिस लोढ़ा कमेटी का गठन किया था. जिसके बाद उसने कुछ सिफारिशों को BCCI को लागू के लिए कहा लेकिन BCCI लोढ़ा कमेटी की सुझाई कुछ सिफारिशों का विरोध करने लगा. जिसके बाद BCCI ने कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी.
नोटिस जारी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने
अनुराग ठाकुर को हटाते हुए कहा था कि खेल में सुधार लाने में बाधा पहुंचाकर ठाकुर ने खुद को अयोग्य साबित किया. इसके अलाव चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने में बाधा पहुंचाने और कथित तौर पर झूठा शपथपत्र देने को लेकर अनुराग ठाकुर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.