'आधार' की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया है. कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत के फैसले को बीजेपी के चेहरे पर तमाचा बताया है.
नई दिल्लीः कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘आधार’ की संवैधानिक वैधता पर आज सुनाए गए फैसले का स्वागत किया है. कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट के फैसले को बीजेपी के चेहरे पर तमाचा बताया है. ‘आधार’ पर फैसला आने के बाद कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार एक्ट के सेक्शन 57 को निरस्त किए जाने के कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सत्यापन उद्देश्यों के लिए निजी संस्थाओं को अब आधार का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है.’
‘आधार’ की संवैधानिक वैधता को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. कोर्ट के फैसले का अधिकतर राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है. कांग्रेस ने इसे शीर्ष अदालत का महत्वपूर्ण फैसला बताया. कांग्रेस ने जहां इसे बीजेपी के लिए बड़ा झटका बताया तो कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आधार एक्ट, 2016 के सेक्शन 57 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किया जाना, बीजेपी के मुंह पर तमाचा’ है, जो निजी कंपनियों को सत्यापन के लिए आधार की जानकारी मांगने की अनुमति देता था. बायोमीट्रिक डेटा जुटाने के लिए केंद्र सरकार की सभी योजनाएं फेल हो गईं.
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज और वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले से ‘निजता के अधिकार को बरकरार रखा है और मोदी सरकार की कठोर धारा-57 को निरस्त’ कर दिया है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीमकोर्ट के आधार निर्णय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए सवालों पर नागरिकों के निजता के अधिकार को स्वीकार किया. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के निजता का गला घोंटू सेक्शन 57 को खारिज किया. अब सरकार आधार को बैंक खातों, मोबाइल फोन, स्कूल आदि से नहीं जोड़ सकेगी.’ तृणमूल कांग्रेस ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. टीएमसी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट, 2016 की धारा 57 को निरस्त कर दिया है, जिसका मतलब ये है कि अब आपको बैंक, स्कूल, मोबाइल कंपनियों को आधार दिखाने की जरूरत नहीं होगी.’
We welcome the Supreme Court's decision to strike down Section 57 of the Aadhaar Act. Private entities are no longer allowed to use Aadhaar for verification purposes. #AadhaarVerdict
— Congress (@INCIndia) September 26, 2018
Slap on the face of Digital India propaganda of BJP. Chandrachud J says that Digital India cant submerge identities. “Quest for digital India must be cognisant of the digital divide…Digital nation must not submerge the identities of a digitised citizen” . substance vs p’ganda
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) September 26, 2018
#AadhaarVerdict
सुप्रीमकोर्ट के ‘आधार’ निर्णय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए सवालों पर नागरिकों के ‘निजता के अधिकार’ को स्वीकार कियासुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के निजता का ‘गला घोंटू’ सेक्शन 57 को ख़ारिज किया-अब सरकार आधार को बैंक खातों,मोबाइलफ़ोन,स्कूल आदि से नहीं जोड़ सकेगी।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 26, 2018
SC strikes down Section 57 of Aadhaar Act, 2016. So you don't need to give your Aadhar to private bodies like banks, schools, mobile companies. Trinamool and @mamataofficial fought hard for this.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 26, 2018