प्रशांत कुमार उमराव नाम के एक
वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में
याचिका दाखिल कर दिल्ली विधानसभा के दो दिन के विशेष सत्र अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है.
प्रशांत वही वकील है जिन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार के 21 एमएलए को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए चुनाव आयोग में मामला दर्ज कराया था.
याचिका में कहा गया है कि विधानसभा सत्र को बिना एलजी के संबोधित किए जाना गवर्नमेंट ऑफ़ एनसीटी के दिल्ली एक्ट के सेक्शन 10 का उल्लंघन है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी है.
हालांकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मामले की तुरंत सुनवाई करने की मांग की थी ताकि बुधवार से शुरू हुए इस सत्र को रोका जा सके. अगर कोर्ट विधानसभा सत्र को असंवैधानिक घोषित करता है टी सत्र के दौरान लिए गए सभी फैसले अवैध घोषित किए जाएंगे.