किसी सांसद या विधायक पर आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद उसे पद से हटाने की पावर चुनाव आयोग के पास होगी या सचिव के. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस पर फैसला देगा. सुप्रीम कोर्ट में कल फैसलों का दिन है. पदोन्नति में आरक्षण, आधार की अनिवार्यता, जज लोया केस पर पुनर्विचार की याचिका, अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग आदि 6 मामलों पर बुधवार को फैसला आएगा.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को यह तय करेगा कि आपराधिक केस में किसी सांसद या विधायक के अदालत से दोषी ठहराए जाने पर उसकी कुर्सी तुरंत छीनने के लिए आदेश चुनाव आयोग जारी करे या फिर संबंधित सदन का सचिव जारी करे. फ़िलहाल यह आदेश सदन का सचिव जारी करता है.
इस मामले पर दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि सदन का सचिव जानबूझकर यह आदेश काफ़ी देरी से जारी करता है ताकि दोषी नेता की सदन में कुर्सी बनी रहे इसलिए यह अधिकार चुनाव आयोग को दिया जाए ताकि इस पर वह तुरंत आदेश जारी करे. ताकि सचिव विधायक या सांसद की कुर्सी बचाने की कोशिश में लंबा समय ना खींच पाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में बुधवार का दिन फैसले का दिन होगा. इस दिन सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण, आधार की अनिवार्यता, जज लोया केस पर पुनर्विचार की याचिका, अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग, कांग्रेस सासंद अहमद पटेल की याचिका समेत छह मामलों पर फैसले सुनाएगा. अधिकांश मामले सीजेआई दीपक मिश्रा सहित पांच जजों की संवैधानिक पीठ के पास हैं. जल्दी ही उनका रिटायरमेंट है. ऐसे में माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले पर भी जल्द ही फैसला सुनाया जा सकता है.
अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग हो या नहीं, सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनाएगा फैसला
आधार की अनिवार्यता पर बुधवार को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट, 38 दिन चली थी सुनवाई