आधार की अनिवार्यता पर बुधवार को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट, 38 दिन चली थी सुनवाई

क्या आधार से किसी की निजता का हनन होता है? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैंच इस पर फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो जाएगा कि आधार सरकारी व अन्य योजनाओं के लाभ आदि के लिए आधार जरूरी है या नहीं.

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आधार की अनिवार्यता पर बुधवार को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट, 38 दिन चली थी सुनवाई

Aanchal Pandey

  • September 25, 2018 6:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट आधार की वैधता पर बुधवार को फैसला सुनाएगा. आधार से किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं, इस मामले पर संवैधानिक पीठ फैसला देगी. आधार की अनिवार्यता खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास 30 याचिकाएं डाली गई हैं. इस मामले पर सभी पक्षों की सुनवाई 10 मई को पूरी हो गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया. आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई 17 जनवरी 2018 को शुरू हुई थी जो 10 मई तक पूरी हो गई.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है. अब यह पीठ कल फैसला सुनाएगी कि क्या आधार से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है. आधार की वैधता पर फैसला आने तक के लिए सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा केंद्र व राज्य सरकारों की बाकि सभी योजनाओं में इसकी अनिवार्यता पर रोक लगा दी गई थी.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो जाएगा कि सभी योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य है या नहीं. आधार मोबाइल सिम से लेकर बैंक खाते व सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया था. इसके खिलाफ कई समाजसेवी संगठन और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इन याचिकाओं में तर्क दिया गया था कि आधार से निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है.

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