नई दिल्ली : देश के हर राज्यों में 5 साल में सरकारें बदल जाती हैं लेकिन बदलाव नहीं होते हैं. अब पुलिस स्टेशनों की ही हालत देख लीजिए. देश में 402 ऐसे पुलिस स्टेशन हैं जिनमें एक टेलीफोन तक की सुविधा नहीं है.
देश भर में कुल 15555 पुलिस स्टेशन हैं, इनमें मध्य प्रदेश के 111 थानों में, मेघालय के 67, मणिपुर के 43, छत्तीसगढ़ के 161 और यूपी के 51 थानों में फोन की सुविधा नहीं है. साथ 17 थाने ऐसे हैं जिनके पास वायरलेस की भी सुविधा नहीं है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) के मुताबिक
महाराष्ट्र पुलिस के पास सबसे ज्यादा 17 हजार 131 गाड़ियां हैं, वहीं
तमिलनाडु पुलिस के पास 15926 और यूपी पुलिस के पास 13452 गाड़ियां हैं. देश के 188
पुलिस स्टेशन तो ऐसे हैं जिनके पास एक भी गाड़ी नहीं है.
जनवरी 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 2280691 पुलिस अफसर हैं, जिनमें से सिर्फ 556539 अफसरों को परिवार के साथ रहने के लिए सरकारी घर मिले हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 729 लोगों पर मात्र एक पुलिस वाला है. जिस कारण उन्हें परिवार से मिलने तक की छुट्टी नहीं मिल पाती.
देश के सभी थानों में काम तो बहुत हैं लेकिन सुविधाएं नदारद. खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों जैसे- आंध्रप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में पुलिस वालों की ड्यूटी बेहद ही मुश्किल है. साथ ही बगैर सुविधाओं के पुलिस को साइबर क्राइम के साथ-साथ आतंकवाद, संप्रदायिक दंगे और नक्सलवाद से भी निपटना होता है.