कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब चार हफ्तों के बाद होगी और जब सुनवाई होगी तब कोर्ट महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट भी देखेगा.
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि स्वराज इंडिया ने बतौर राजनीतिक पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है, ऐसी स्थिति में इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए.
रोहतगी ने कहा कि 2006 में खरीद हुई थी, उसके बाद से किसी ने भी जांच एजेंसी के पास शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, लेकिन अचानक 10 साल बाद ये कहा जा रहा है कि पूरे खरीद फरोख्त में गड़बड़ी हुई है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह मामला 2जी और कोयला घोटाला जैसा नहीं है. कोर्ट ने कहा कि वैसे भी इस मामले में कि क्या राज्य सरकार या मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर खरीद सकता है या नहीं, इस पर कोर्ट दखल नहीं दे सकता. हालांकि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 4 हफ्ते बाद का समय दिया है.
बता दें कि स्वराज अभियान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जम्मू कश्मीर, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़, और राजस्थान सरकार पर हेलीकॉप्टरों की खरीद में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है.