नई दिल्ली: खुद को केंद्र और दिल्ली में सरकार चला रही पार्टियों की राजनीति का शिकार बताने वाले आईएएस अधिकारी
राजेंद्र कुमार ने कहा है कि वो तीन महीने बाद तय करेंगे कि उन्हें राजनीति में जाना है या जनता की सेवा करने के लिए क्या काम करना है क्योंकि उनके सामने सारे विकल्प खुले हैं.
राजेंद्र कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री
अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव थे जब
सीबीआई ने सरकारी ठेके देने में भ्रष्टाचार के आरोप में उनके दफ्तर पर छापा मारा था और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. राजेंद्र कुमार ने जमानत पर बाहर आने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी रिटायरमेंट मांगा है.
इंडिया न्यूज़ के साथ खास बातचीत में राजेंद्र कुमार ने कहा कि सीबीआई के लोगों ने कई लोगों को मारा-पीटा और उन्हें भी गाली देकर बात करते थे. सीबीआई और दिल्ली की एसीबी के काम के तौर-तरीके पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग कुछ भी अनर्गल जोड़ने के लिए दबाव बना रहे थे.
उन्होंने कहा कि उनसे भी वही सीबीआई टीम पूछताछ कर रही थी जिसने कॉरपोरेट मंत्रालय के डीजी रहे
बीके बंसल से पूछताछ की थी. आपको याद ही होगा कि बंसल और उनके बेटे ने खुदकुशी कर ली थी और सुसाइड नोट में सीबीआई के अधिकारियों पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया था.