Santan Saptami 2018 Vrat: संतान सप्तमी व्रत तिथि, पूजन विधि और महत्व

Santan Saptami 2018 Vrat: भादप्रद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का व्रत कर बच्चों की सलामती और संतान प्राप्ति की कामना की जाती है. जानिएं संतान सप्तमी पूजन विधि और संतान सप्तमी पूजन महत्व.

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Santan Saptami 2018 Vrat: संतान सप्तमी व्रत तिथि, पूजन विधि और महत्व

Aanchal Pandey

  • September 15, 2018 4:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भादप्रद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी व्रत रखा जाता है. जिसका हिंदू रिति रिवाजों में खास महत्व होता है. इस बार संतान सप्तमी व्रत 16 सितंबर को पड़ रहा है. इस दिन संतान प्राप्ति व बच्चों की सलामती के लिए माताएं व्रत रखती हैं और भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करती हैं. इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा से बच्चों की उन्नति और तरक्की होती हैं.

संतान सप्तमी पूजन विधि
संतान सप्तमी पूजन के लिए सामान्य व्रत की तरह सूर्योदय से पूर्व उठ स्नान आदि कर लें. स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े ही पहनें और संभव हो तो पूरे घर को गंगा जल से स्वच्छ करें. पूजा के दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है. इस के बाद भगवन शंकर और मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. इसके पश्चात भगवान को फूल, फल, धूप, प्रसाद आदि अर्पित करें. इस दौरान निहाहार सप्तमी व्रत का सकंल्प लें और कथा अवश्य सुनें.

संतान सप्तमी व्रत का महत्व
संतान सप्तमी के व्रत की महत्ता है. इस व्रत को माताएं बच्चों की सलामती, उन्नति, संतान प्राप्ति, तरक्की, स्वास्थ्य आदि के लिए रखती हैं. इस दिन व्रत करने से भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा से जिन माताओं को बच्चों का सुख नहीं मिला होता वह भी प्राप्त होता है.

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