नई दिल्ली: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नोटबंदी को फेल बताया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी द्वारा लिए नोटबंदी के फैसले से न तो नकली नोट खत्म हुए और न ही
आतंकवाद खत्म हुआ है. उन्होंने कहा कि शासन का कार्य जनता को अभयदान देकर उनके संकटों को मुक्त करना है न कि परेशान करना.
शंकराचार्य ने कहा कि ईमान की होली तो तभी खत्म हो गई थी जब पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए का नोट को बंद कर दिया था. जिसमें यह लिखा रहता है कि यह रुपया देने पर हम वचनबद्ध है. हाल ही में अभी अध्यादेश भी निकाला गया है जिसमें पुराने नोट मिलने पर चार साल की कैद हो जाए. मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या कागज रखने से किसी को जैल हो सकती है.
शंकराचार्य ने कहा कि नोटबंदी के चार कारण आतंकवाद,
काला धन,
भ्रष्ट्राचार और जाली मुद्रा है उसकी सफाई होगी लेकिन इन चारों से एक का भी समाधान नहीं निकला.
नोटबंदी के बाद जिस तरह बार-बार नियमों में परिवर्तन किए गए उससे वर्तमान मुद्रा ही प्रमाणिकता संदिग्ध हो गई है. जनता अपनी ही कमाई को सुरक्षित रखने बैंको का उपयोग करती है जबकि मोदी सरकार मनमाने ढंग से मुद्रा जमा करवा रहे हैं.